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US President Election 2024: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को मिल गया वॉकओवर? कैसे जाते-जाते बाइडन ने कर दी ‘बड़ी गलती’

US President Election 2024: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव ने दिलचस्प मोड़ लिया है. जो बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव की रेस से खुद को अलग कर लिया है. अब डोनाल्ड ट्रंप के सामने डेमोक्रेट्स की ओर से कौन उम्मीदवार होगा, सबकी नजर इस पर टिक गई है. हालांकि, जो बाइडन ने कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है.

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस से जो बाइडन पीछे हट गए हैं. अब डोनाल्ड ट्रंप के सामने डेमोक्रेट्स की ओर से नया उम्मीदवार होगा. संभवत: कमला हैरिस ही डोनाल्ड ट्रंप के सामने मुकाबला करेंगी. खुद बाइडन ने भी उम्मीदवार के तौर पर कमला हैरिस का समर्थन किया है. अब डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस के नाम पर आधिकारिक मुहर का इंतजार है. मगर सवाल है कि क्या कमला हैरिस डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर दे पाएंगी? वह भी ऐसे वक्त में, जब अमेरिकी चुनाव में मुश्किल से तीन-चार महीने ही बच गए हैं और सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी जैसे हालात हैं. खुद डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया है कि कमला हैरिस को हराना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है. तो अब सवाल उठता है कि क्या जो बाइडन ने जाते-जाते देर कर दी, क्या डोनाल्ड ट्रंप को वॉकओवर मिल गया है?

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दरअसल, अब तक अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सामने जो बाइडन थे. मगर बाइडन के पीछे हटने से डेमोक्रेट्स को नए उम्मीदवार पर विचार करना होगा. नए सिरे से चुनावी कैंपेन की रणनीति बनानी होगी. नया उम्मीदवार कैसे डोनाल्ड ट्रंप को मात दे, इसके लिए तरकश में तीर जुटाने होंगे. इन सबके लिए डेमोक्रेट्स के पास अब बहुत अधिक समय नहीं बचा है. नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है. महज तीन-चार महीने में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ नए सिरे से फुलप्रूफ प्लान बनाना डेमोक्रेट्स के लिए इतना आसान भी नहीं होगा. कमला हैरिस के नाम पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, वही उम्मीदवार होंगी, यह भी कहना मुश्किल है. क्योंकि ओबामा कमला हैरिस के पक्ष में नहीं हैं. मगर सवाल है कि क्या कमला हैरिस इस चुनावी समर में डोनाल्ड ट्रंप के सामने टिक पाएंगी?

कमला को हराना ट्रंप के लिए बहुत आसान?
डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि कमला हैरिस को हराना उनके लिए और भी अधिक आसान काम है. जो बाइडन के चुनावी रेस से हटने के बाद सीएनएन से डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराना जो बाइडन के मुकाबले और आसान होगा. उन्होंने कहा कि जो बाइडन अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपति हैं. क्या सच में डोनाल्ड ट्रंप के लिए कमला हैरिस को हराना इतना आसान होगा? पहली नजर में देखा जाए तो ट्रंप की बातों में वजन दिखता है. इसकी वजह है कि कमला हैरिस जो बाइडन की सरकार में उपराष्ट्रपति हैं. बाइडन की नीतियों के लिए वह भी जिम्मेदार हैं. डोनाल्ड ट्रंप बाइडन की नीतियों को लेकर हमलावर रहे हैं. अगर अमेरिका में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर रहा तो कमला हैरिस भी इसकी शिकार होंगी.

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बाइडन ने कर दी गलती?
दूसरी सबसे बड़ी वजह है कि जो बाइडन ने जाते-जाते बहुत देर कर दी. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के काफी नजदीक आकर यूटर्न लिया है. अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी राष्ट्रपति ने चुनाव के इतने करीब आकर दोबारा चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो. ट्रंप के साथ बाइडन ने तो एक डिबेट भी कर ली थी. सूत्रों का मानना है कि बाइडन को या तो मैदान में डंटे रहना चाहिए था या फिर काफी पहले रेस से बाहर हो जाना चाहिए था. ऐन वक्त पर उम्मीदवारी से पीछे हटने से डेमोक्रेट्स को कोई अधिक लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है. डोनाल्ड ट्रंप के पास डेमोक्रेट्स के लिए प्लान तैयार है. उनकी टीम के पास कमला हैरिस को भी टारगेट करने का प्लान तैयार है. मगर जो बाइडन के पीछे हटने से डेमोक्रेट्स को तैयारी करने में वक्त लग जाएगा.

डेमोक्रेट्स के लिए बहुत कठिन है डगर पनघट की
ऐसा इसलिए भी क्योंकि डेमोक्रेट्स के भीतर से बाइडन के खिलाफ आवाज तो उठ रही थी, मगर बाइडन किसी की सुनने को तैयार नहीं थे. वह अपने जिद पर अड़े थे. उन्होंने जरा भी संकेत नहीं दिया था कि वह रेस से बाहर हो जाएंगे. शनिवार और रविवार (अमेरिकी समयानुसार) के बीच में ही बाइडन ने अचानक मन बना लिया. यूं कहें कि 48 घंटे में ही यह सबकुछ हो गया. उनके इस फैसले की भनक किसी को भी नहीं थी. अगर कुछ समय पहले से भी इसकी भनक डेमोक्रेट्स को होती तो शायद वह प्लान बी पर काम कर रही होती. मगर बाइडन ने डेमोक्रेट्स को प्लान बी पर काम करने का मौका तक नहीं दिया. अब अगर डेमोक्रेट्स कोशिश भी करेगी तो रिपब्लिकन के सामने उसकी तैयारी फीकी ही रहेगी.

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डोनाल्ड ट्रंप ने मार ली आधी बाजी?
इसके अलावा, किसी भी चुनाव में परसेप्शन की लड़ाई सबसे अहम होती है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप परसेप्शन की लड़ाई जीत चुके हैं. बाइडन को उम्मीदवारी से पीछे हटने पर मजबूर करके डोनाल्ड ट्रंप आधी बाजी मार चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने सीएएन की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में ही जो बाइडन की उम्र को मुद्दा बनाया ता और इसे अमेरिका के सियासी गलियों में उछाला था. 81 वर्षीय बाइडन की उम्र अमेरिका में एक मुद्दा बना. इसका नतीजा यह हुआ कि अमेरिकियों के दिमाग में यह बात घर कर गई. जब पोल और सर्वे के नतीजे आए तो इसमें इसकी झलक साफ दिखी. बाइडन की उम्र को लेकर अमेरिकी वोटर चिंतित दिखे. यही वजह है कि सर्वे और पोल के रिजल्ट बाइडन से अधिक डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में अधिक थे. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर डेमोक्रेट्स कमला हैरिस को ही मैदान में उतारती है या फिर डोनाल्ड ट्रंप के लिए उसके पास कोई सरप्राइज पैकेज भी?

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