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हेल्थ

हार्ट हेल्थ चेक करने के लिए ये 5 टेस्ट हैं बेहद जरूरी, दिल से जुड़ी बीमारियों की करते हैं पहचान

जबतक हमारा दिल धड़क रहा है तभी तक हमारा जीवन है. ऐसे में शरीर के इस  महत्वपूर्ण भाग का विशेष ख्याल रखना बहुत जरूरी है जिससे हमारा जीवन चल रहा है. 

दिल मानव शरीर का बेहद ही नाजुक और महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह एक मसल्स है जो लगातार खून को पूरे शरीर में पंप करती है. यह ब्लड, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालता है.

पहले ऐसा माना जाता था कि दिल से जुडी बीमारियां जैसे की हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक 65 साल प्लस व्यक्तियों को ही होती हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ये बीमारियां युवाओं को भी अपना टारगेट बना रही हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है अपने दिल का विशेष ख्याल रखना. चलिए आज जानते हैं हार्ट से जुड़े कुछ ऐसे मेडिकल टेस्ट्स के बारे में जिससे आप अपने दिल से जुड़ी किसी भी परेशानी का पता आसानी से लगा सकते हैं.  

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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट 
इसे कोलेस्ट्रॉल टेस्ट भी कहते हैं. यह टेस्ट एक खून की जांच है जो आपके रक्त में मौजूद विभिन्न प्रकार के वसा (लिपिड्स) के स्तर को मापता है. ये वसा आपके शरीर के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन इनकी अधिकता दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है. यह टेस्ट डॉक्टरों को यह जानने में मदद करता है कि आपको दिल की बीमारी होने का कितना खतरा है.

ECG
ECG या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) आपके दिल की विद्युत गतिविधि को मापने वाला एक टेस्ट है. यह टेस्ट यह दिखाता है कि आपका दिल कितनी तेजी से धड़क रहा है, आपका दिल  सही तरीके से धड़क रहा है या नहीं, और आपके दिल की विद्युत संकेत आपके हृदय की विभिन्न मांसपेशियों के माध्यम से कैसे चलते हैं. इस टेस्ट से दिल जुडी कई साडी परेशानियों का पता लगाया जाता है.

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इकोकार्डियोग्राम
इकोकार्डियोग्राम एक सरल प्रोसेस है जिसमें हृदय की अल्ट्रासाउंड छवि बनाई जाती है जिसके माध्यम से डॉक्टर दिल से जुड़े रोगों का निदान कर सकते हैं. इसे इकोकार्डियोग्राफी भी कहते हैं जो दिल की एक तस्वीर बनाने के लिए अल्ट्रासोनिक वेव्स का उपयोग करती है जिसे इको कहा जाता है. डॉक्टर्स इस टेस्ट को ‘इको’ भी कहते हैं. 

कोरोनरी एंजियोग्राम
कोरोनरी एंजियोग्राम, हृदय की रक्त वाहिकाओं, यानी कोरोनरी धमनियों को देखने के लिए किया जाने वाला एक्स-रे टेस्ट है. इसे कार्डियक कैथीटेराइजेशन या कोरोनरी एंजियोग्राफी के नाम से भी जाना जाता है. इस टेस्ट से पता चलता है कि हमारी खून नली में खून का प्रवाह सही है या नहीं और क्या कोई नली संकुचित या अवरुद्ध है. कोरोनरी एंजियोग्राम से हृदय की मांसपेशियों या हृदय वाल्व में असामान्यताएं भी पता चलती हैं

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कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी
कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (सीसीटीए) एक इमेजिंग टेस्ट है, जिससे दिल की नली की जांच की जाती है. इस टेस्ट में कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी), एक्स-रे, और कंप्यूटर तकनीक का इस्तेमाल करके शरीर के अंदर से तस्वीरें खींची जाती हैं. इन तस्वीरों से दिल की नालियों में पट्टिका, रुकावटें, या संकीर्णता (स्टेनोसिस) का पता चलता है.

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