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दिल्ली-मुंबई पिछड़े, प्रॉपर्टी के मामले में यह शहर रहा सबसे आगे, यहां 3 करोड़ तक की कीमत वाले 18550 फ्लैट बिके

आईटी कंपनियों का गढ़ माना जाने वाला बेंगलुरु महंगी प्रॉपर्टीज के लिए जाना जाता है. इस शहर में अप्रैल-जून तिमाही में 18,550 फ्लैट्स बिक गए. इसके साथ देश के टॉप रेसिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार के रूप में उभरा है.

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बेंगलुरु. देश में महंगी प्रॉपर्टी की बात होती है तो लोग दिल्ली और मुंबई का जिक्र करते हैं. लोगों का मानना है कि दिल्ली-मुंबई जैसे महानगर में प्रॉपर्टी बहुत महंगी है. बेशक महंगी है लेकिन बिक्री के मामले में ये दोनों मेट्रो सिटी एक शहर से पीछे रह गई हैं. आईटी सिटी के तौर पर पहचान रखने वाला और आईटी कंपनियों का गढ़ माना जाने वाला बेंगलुरु महंगी प्रॉपर्टीज के लिए जाना जाता है. यह शहर अप्रैल-जून तिमाही में 18,550 यूनिट्स की बिक्री के साथ देश के टॉप रेसिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार के रूप में उभरा है. रियल एस्टेट सलाहकार फर्म जेएलएल रिसर्च की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु शहर में जून तिमाही के दौरान नई परियोजनाओं की शुरुआत में भी लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इन परियोजनाओं में 16,537 इकाइयों की पेशकश की गई है.

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जेएलएल इंडिया के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक (कर्नाटक और केरल) राहुल अरोड़ा ने कहा कि तेजी से बढ़ते आईटी क्षेत्र, बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने और अनुकूल कारोबारी माहौल की वजह से बेंगलुरु में संपत्ति की मांग लगातार बनी हुई है. ऐसी स्थिति में तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय डेवलपर शहर का रुख कर रहे हैं और हर तिमाही में नई परियोजनाएं लाई जा रही हैं.

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लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड

रिपोर्ट के मुताबिक, जून तिमाही में बेंगलुरु में बिके कुल घरों में से उच्च-मध्यम वर्ग के फ्लैट (एक करोड़ रुपये से तीन करोड़ रुपये के बीच की कीमत) की 62 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री एवं रिसर्च हेड सामंतक दास ने कहा, ‘‘बेंगलुरु की बिक्री में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान साल के पहले छह महीनों में पेश की गई परियोजनाओं का है. इस दौरान खाली पड़े घरों की संख्या में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई.’’

(भाषा से इनपुट के साथ)

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