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Tax Clearance Certificate पर सरकार ने दिया स्पष्टीकरण, कर बकाया वालों के लिए जरूरी है मंजूरी

यूनियन बजट 2024 में वित्त मंत्री ने Tax Clearance Certificate के लिए प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश था। कई लोंगो को लग रहा था कि यह सर्टिफिकेट सभी टैक्सपेयर्स के लिए है। अब सरकार ने कर निकासी प्रमाणपत्र को लेकर स्पष्टीकरण दिया। सरकार ने साफ बताया कि इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता केवल कुछ करदाताओं को ही है।

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पीटीआई, नई दिल्ली। यूनियन बजट में टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट के लिए प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश जताया गया। सोशल मीडिया पर नाराजगी के बाद सरकार ने इस सर्टिफिकेट को लेकर स्पष्टीकरण दिया। सरकार ने बताया कि यह सर्टिफिकेट सभी टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है।

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केवल वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी या पर्याप्त कर बकाया वाले लोगों को ही Tax Clearance Certificate के लिए मंजूरी लेनी होगी।

सभी निवासी के लिए नहीं है Tax Clearance Certificate

वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक 2024 में काले धन अधिनियम, 2015 के संदर्भ को अधिनियमों की सूची में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को कर निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पहले अपने बकाया देनदारियों का भुगतान करना होगा।

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार प्रस्तावित संशोधन में सभी निवासियों को कर निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।

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आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के अनुसार हर व्यक्ति को कर निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक नहीं है। यह केवल कुछ व्यक्तियों के लिए जरूरी है।

कर बकाया वालों के लिए जरूरी है प्रमाणपत्र

आयकर विभाग ने 2004 की अधिसूचना में बताया था कि कर निकासी प्रमाणपत्र भारत में रहने वाले व्यक्तियों को केवल कुछ परिस्थितियों देनी होगी।

इनमें वह व्यक्ति शामिल हैं जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल है। आयकर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत मामलों की जांच में उसकी उपस्थिति आवश्यक है और यह संभावना है कि उसके खिलाफ कर की मांग की जाएगी, या जहां उस व्यक्ति पर 10 लाख रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर बकाया है, जिस पर किसी प्राधिकारी द्वारा रोक नहीं लगाई गई है।

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आयकर विभाग ने बताया कि किसी व्यक्ति को कारण दर्ज करने और प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त या मुख्य आयकर आयुक्त से मंजूरी लेने के बाद ही कर निकासी प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

ऐसा प्रमाणपत्र आयकर प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है। इस सर्टिफिकेट से साफ हो जाएगा कि ऐसे व्यक्ति पर आयकर अधिनियम, या संपत्ति कर अधिनियम, 1957, या उपहार-कर अधिनियम, 1958, या व्यय-कर अधिनियम, 1987 के तहत कोई देनदारी नहीं है।

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