All for Joomla All for Webmasters
हिमाचल प्रदेश

Himachal Weather: सेब के बगीचों पर मौसम की मार, कम बारिश के चलते फलों में सनबर्न की समस्या, बागवानों की बढ़ी चिंता

हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में बदलते मौसम की वजह से बागवानों को भारी नुकसान हो रहा है। कम बारिश की वजह से सेब के फलों में सनबर्न की समस्या देखने को मिल रही है। वहीं खराब मौसम की वजह से सेब के बगीचे अल्टरनेरिया बीमारी की चपेट में आ गए हैं जिसका फलों के आकार और रंग पर सीधा असर दिख रहा है।

ये भी पढ़ें:- जानें टैक्स डिडक्शन और टैक्स एग्जेंप्शन का मतलब , क्या है इनके बीच अंतर? जानें सब कुछ

जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला में बदलते मौसम के कारण सेब के बगीचों पर दोहरा संकट पैदा हो गया है। कई इलाकों में सेब के बगीचे जहां अल्टरनेरिया रोग की चपेट में हैं तो वहीं दिन के समय निकल रही चटकीली धूप सेब के फलों पर भारी पड़ रही है।

कम वर्षा के कारण फलों में सनबर्न की समस्या पैदा हो रही है। तेज धूप के कारण सेब पीला पड़ रहा है और बगीचों में ही खराब हो रहा है। इसके अलावा सूखे के कारण सेब के पौधों में रस्टिंग की समस्या भी काफी ज्यादा है।

ये भी पढ़ें:- Bank Locker Rules: बैंक लॉकर लेने से पहले जान लीजिए RBI के नियम, समझिए आपके पैसे और गहने हैं कितने सुरक्षित

नहीं हुई बारिश तो बागवानों को होगा भारी नुकसान

यंग एंड यूनाइटेड ग्रोवर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत सेहटा का कहना है कि ऊपरी शिमला के कई क्षेत्रों में पिछले काफी समय से वर्षा नहीं हुई है। इस कारण समस्या आ रही है। अगर आने वाले दिनों में अच्छी वर्षा नहीं होती है तो फिर बागवानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

सन बर्न व रस्टिंग वाले सेब को मंडियों में भी कम दाम मिल रहे हैं। हालांकि जो सेब अच्छी गुणवत्ता का है, उसे मंडियों में दाम अच्छा मिल रहा है, लेकिन खराब सेब को दाम कम मिल रहा है।

ये भी पढ़ें:- ITR Filing की आज आखिरी तारीख, टैक्स बॉडी ने मांगी मोहलत, क्या अब 31 अगस्त होगी लास्ट डेट? जानिए

अल्टरनेरिया की चपेट में आए सेब के बगीचे

सेब के बगीचे अल्टरनेरिया नामक बीमारी की चपेट में आ गए हैं, जिससे सेब के आकार और रंग पर सीधा असर हो रहा है। पत्तों के समय से पहले झड़ने के कारण प्रदेश के बागवानों की चिंता बढ़ गई है।

बागवानों का कहना है कि 1982-83 में भी सेब पर स्कैब बीमारी का प्रकोप हुआ था, जिसे समय रहते नियंत्रित किया गया था और केंद्र से मदद ली गई थी।

ये भी पढ़ें– आंतों में फंसे मल से लेकर शरीर में जमा चर्बी तक, जड़ से खत्म होगी ये 5 समस्या, पानी में मिलाकर पिएं ये पीला ‘अमृत’

फंफूदनाशकों का छिड़काव

बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज का कहना है कि अल्टरनेरिया से बचाव के लिए बागवान समय-समय पर फंफूदनाशकों का छिड़काव करते रहें। बगीचों में पर्याप्त रोशनी आए इसके लिए भी उचित प्रबंध करे। इसके अलावा बागवान अपने नजदीकी उद्यान विकास कार्यालय में संपर्क कर इनके रोकथाम के लिए उचित सलाह ले सकते हैं।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top