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नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस बने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ, जानें कैसे हुआ यह फैसला?

Bangladesh Protest News: नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने मंगलवार रात को यह जानकारी दी. यह निर्णय राष्ट्रपति शहाबुद्दीन और ‘भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन’ के समन्वयकों के बीच हुई बैठक में लिया गया. इस बैठक में तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख भी मौजूद थे.

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ढाका: बांग्लादेश में बवाल अब थमता नजर आ रहा है. शेख हसीना ढाका छोड़ चुकी हैं और अब बांग्लादेश के लोगों को नई सरकार का इंतजार है. इस बीच बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त कर दिया है. यह फैसला शेख हसीना के इस्तीफे के एक दिन बाद लिया गया है. हसीना ने नौकरियों में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़ दिया है. फिलहाल वह भारत में हैं और जल्द ही लंदन जा सकती हैं.

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मो. जॉयनल आबेदीन ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में मंगलवार रात राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की तीनों सेनाओं के प्रमुखों और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में यह फैसला लिया गया. प्रेस सचिव ने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नाम विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किए जाएंगे. चार घंटे तक चली बैठक के बाद ऐलान किया किया गया.

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सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के मुताबिक, राष्ट्रपति ने इच्छा जताई है कि मंत्रिमंडल में सलाहकार के तौर पर कम से कम एक 1971 के मुक्ति संग्राम के योद्धा को शामिल किया जाए. बैठक में सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान, नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन, वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल हसन महमूद खान, ढाका विश्वविद्यालय के कानून विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरुल और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रोफेसर तंजीम उद्दीन खान मौजूद थे.

फिलहाल, 84 वर्षीय यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं. हालांकि, उन्होंने शेख हसीना के शासन को हटाए जाने का स्वागत करते हुए इसे देश की “दूसरी मुक्ति” बताया है. यूनुस ने ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था. उनके इस मॉडल को दुनिया भर में अपनाया गया. 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद से ही अस्पष्ट कारणों से यूनुस का सरकार से विवाद चल रहा था और उनके खिलाफ कई जांच शुरू की गई थीं.

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बांग्लादेश के अधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और सरकारी सेवानिवृत्ति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक के पद से बर्खास्त कर दिया. उन पर दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे. जनवरी में, यूनुस को एक अदालत ने श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में छह महीने की जेल की सजा सुनाई थी. कई लोगों का मानना ​​है कि हसीना को उस समय गुस्सा आया था, जब यूनुस ने 2007 में एक राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की थी. उस समय देश में सेना समर्थित सरकार थी और हसीना जेल में थीं. हालांकि, यूनुस ने अपनी योजना पर आगे काम नहीं किया. लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी राजनेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वे केवल पैसे में रुचि रखते हैं.

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