Plastic Bottle and High BP: क्या आपको हाई ब्लड प्रेशर रहता है. इस बात की ज्यादा आशंका है कि इसका कारण प्लास्टिक की बोतल है. एक रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग प्लास्टिक की बोतल में तरल पदार्थों को ज्यादा पीते हैं, उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है.
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Plastic Bottle and High BP: आधुनिक जीवन में प्लास्टिक के बिना हम जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते. करीब सौ साल पहले जब पहली बार प्लास्टिक बना तो इसे महानतम आविष्कारों में से एक माना गया लेकिन आज यह हमारी सेहत के लिए जीता-जागता अभिशाप बन गया है. घर के बर्तन से लेकर हवाई जहाज की सीटें तक सब कुछ प्लास्टिक की बन रही हैं. हमारे जीवन में प्लास्टिक इस कदर रच बस गई है कि हम इसे फिलहाल हटा ही नहीं सकते. प्लास्टिक के दुष्परिणामों को लेकर इससे भी पहले भी कई खतरनाक बातें सामने आ चुकी है लेकिन पहली बार एक अध्ययन में कहा गया है कि प्लास्टिक की बोतल में चीजों को ज्यादा सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
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खून में मिले प्लास्टिक के सूक्ष्म कण
ऑस्ट्रिया के डेन्यूब प्राइवेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि जब आप प्लास्टिक की बोतल से कुछ चीजें पीते हैं तो प्लास्टिक से निकले प्लास्टिक के सूक्ष्म कण आपके खून में मिलने लगता है और इस कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इससे पहले की रिसर्च में भी पाया गया था कि माइक्रोप्लास्टिक फ्लूड के रूप में शीशे की बोतल में भी मौजूद रहता है. अध्ययन में पाया गया कि जो लोग सिर्फ टैप वाटर यानी नल से निकले पानी को स्टील के गिलास या अन्य चीजों में पिया, उनमें प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने वालों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर के मामले बहुत कम थे. अध्ययन के लेखक ने बताया कि व्यापक अध्ययन के बाद हमने पाया कि प्लास्टिक की बोतलें जो अक्सर पैकेट में बंद होती है, अगर उनमें मौजूद पेय पदार्थों को पीने की आदत है तो इससे हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कहीं ज्यादा है.
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प्लास्टिक के कण के नुकसान
अध्ययन में कहा गया कि पहली बार इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि अगर प्लास्टिक की बोतल में पेय पदार्थों का सेवन कम कर दिया जाए तो इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का जोखिम भी बहुत कम हो जाता है. ऐसा संभवतः इसलिए होता है क्योंकि तब खून में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण बेहद कम हो जाते हैं. वहीं अगर प्लास्टिक की बोतल में पेय पदार्थों को पीना कम कर दिया जाए तो इससे दिल से संबंधित बीमारियों का जोखिम भी कम हो जाता है. पहले की कई रिसर्च में यह पाया गया है कि प्लास्टिक की बोतल में पानी में माइक्रोप्लास्टिक के कण मौजूद होते हैं जिसके पीने से ये माइक्रोप्लास्टिक हार्ट के मसल्स, प्लेसेंट, किडनी, लिवर, थूक तक में पहुंच जाता है. एक अध्ययन में तो माइक्रोप्लास्टिक के कण पुरुषों के टेस्टिस के टिशू में भी होने के संकेत मिले हैं. वहीं माइक्रोप्लास्टिक से महिलाओं में डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है. अध्ययन के आधार पर कहा गया कि यदि आपको ब्लड प्रेशर कम करना है तो इसके लिए प्लास्टिक की बोतल में पेय पदार्थों को पीने की आदत छोड़नी होगी.