सेबी ने निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर एक प्रस्ताव रखा है. इसमें रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और रिसर्च एनालिस्ट को एआई टूल के बारे में ग्राहकों को जानकारी देने को कहा है.
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नई दिल्ली. शेयर बाजार की निगरानी संस्था सेबी समय-समय पर निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नए-नए नियम लेकर आती है. इसी कड़ी में सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि ऐसे रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और रिसर्च एनालिस्ट, जो अपनी सर्विसेज में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टूल का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इस बारे में अपने ग्राहकों को बताना चाहिए. सेबी ने साथ ही डेटा जोखिम से बचने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों के महत्व पर जोर दिया है. इस प्रस्ताव से ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि एआई टूल उनके निवेश से जुड़े निर्णयों में कैसे योगदान करते हैं.
शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ‘ट्रेडजिनी’ के सीओओ त्रिवेश डी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अनपेक्षित डेटा जोखिम की आशंका के चलते मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत है और इस संबंध में ग्राहकों को स्पष्ट रूप से जानकारी देनी चाहिए.
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सेबी ने जारी किया कंसल्टेशन पेपर
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस महीने की शुरुआत में अपने कंसल्टेशन पेपर में निवेश सलाहकार (IA) और शोध विश्लेषक (RA) सर्विसेज में एआई टूल के बढ़ते उपयोग का जिक्र किया था. तकनीकी नवाचारों के साथ कई एआई उपकरण वर्तमान में चैटबॉट के रूप में उपलब्ध हैं जैसे कि ओपन एआई का चैटजीपीटी, गूगल का जैमिनी आदि.