पिछले दो महीने में भारत के Gold Import में गिरावट देखी जा रही है. बता दें कि भारत सबसे ज्यादा सोना स्विटजरलैंड से खरीदता है.
भारत का सोने का आयात वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अप्रैल-जुलाई के दौरान 4.23 फीसदी घटकर 12.64 अरब डॉलर रह गया है. सोना आयात का देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) पर असर पड़ता है. पिछले साल समान अवधि में यह 13.2 अरब डॉलर था. बता दें कि भारत सबसे अधिक सोना स्विटजरलैंड से खरीदता है. कुल आयात में स्विटजरलैंड की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है.
ये भी पढ़ें:- Independence Day 2024: श्वेत क्रांति ने बदली किसानों की तकदीर,महिला सशक्तिकरण के साथ ही देश के विकास में भी निभाया अहम रोल
जुलाई में गोल्ड आयात में 10.65 फीसदी की गिरावट
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अकेले जुलाई में आयात 10.65 फीसदी घटकर 3.13 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 3.5 अरब डॉलर था. जून (-38.66 फीसदी) और मई (-9.76 फीसदी) के दौरान भी आयात घटा है. हालांकि, अप्रैल में आयात बढ़कर 3.11 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल, 2023 में एक अरब डॉलर था.
ये भी पढ़ें:- Ethanol Price: एथनॉल की कीमतें बढ़ाने की तैयारी, पेट्रोल में 20 फीसदी करना चाहती है सरकार, चीनी मिलों को फायदा
हाई प्राइस के कारण आयात पर असर
एक आभूषण कारोबारी के अनुसार, ऊंची कीमतें आयात को हतोत्साहित कर रही हैं, लेकिन सितंबर से इसमें तेजी आएगी क्योंकि भारत में त्योहारी सत्र शुरू हो जाएगा और आयात शुल्क में कटौती का लाभ भी मिलेगा. सरकार ने सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 15 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दिया है.
ये भी पढ़ें:- हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने गौतम अडानी को दिया ₹1,18,36,35,78,000 का फटका, कमाई में लगाई सेंध, रैंकिंग पर क्या पड़ा असर ?
दिल्ली में सोने का भाव 73150 रुपए प्रति 10 ग्राम
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल के बीच 14 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपए बढ़कर 73,150 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सोने का आयात 30 फीसदी बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया.
स्विटजरलैंड से सबसे ज्यादा गोल्ड खरीदता है भारत
स्विटजरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16 फीसदी से अधिक) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 फीसदी) का स्थान है. देश के कुल आयात में कीमती धातु का हिस्सा पांच फीसदी से अधिक है.