जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए नई आतंकरोधी इकाइयों को स्थापित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इन आतंकरोधी इकाइयों को उन जिलों में सक्रिय किया जाएगा जहां बीते कुछ महीनों में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव कराने का एलान हुआ है। जम्मू- कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे।
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राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू प्रांत में बढ़ती आतंकी गतिविधियों से निपटने के 19 नई आतंकरोधी इकाइयों को स्थापित करने का निर्णय किया है। प्रत्येक इकाई की कमान डीएसपी रैंक के एक अधिकारी के पास रहेगी । यह जिला एसएसपी या फिर जिला एसपी आपरेशन्स के नियंत्रण और निगरानी में काम करेंगी।
इन इकाइयों के गठन का निर्णय गत बुधवार को लिया गया है। यह भी एक महज संयोग ही है, उस दिन एनएसजी के तत्कालीन महानिदेशक नलिन प्रभात को एजीएमयूटी कैडर में स्थानांतरित किया गया और अगले दिन उन्हें जम्मू कश्मीर पुलिस का विशेष महानिदेशक बनाया गया।
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इन जगहों पर सक्रिय होंगी आतंकरोधी इकाइयां
संबधित अधिकारियों ने बताया कि यह आतंकरोधी इकाइयां जिन्हें पुलिस कंपोनेंट भी कहा जाता है, मूलत: जम्मू कश्मीर विशेष अभियान एसओजी ही है। जम्मू प्रांत के विभिन्न जिलों में एसओजी की कई इकाइयों को बीते 15 वर्ष के दौरान समाप्त किया गया है।
अब इन्हें राजौरी-पुंछ,रियासी, किश्तवाड़, रामबन, डोडा,उधपमुर और कठुआ में फिर से सक्रिय किया जा रहा है। इन्ही जिलों में बीते कुछ महीनों में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। रियासी में जून में आतंकियों ने श्रद्धालुओं की एक बस पर हमला किया था।
गत जुलाई में आतंकियों ने कठुआ में एक सैन्य दल पर हमला किया था और इसी माह डोडा में आतंकियों ने दो जगहों पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के मल्हार,बनी और मच्छेड़ी, रियासी जिले के पौनी-रनसू, माहोर, चसाना और गुलाबगढ़ क्षेत्रों के अलावा सीमावर्ती पुंछ जिले के बफलियाज-बेहरामगला, मंडी-लोरान और गुरसाई क्षेत्रों में एक-एक इकाई तैनात की जाएगी।
घुसपैठ के बाद इन रास्तों से आगे बढ़ते हैं आतंकी
पीओके से सावजियां और मेंढर सेक्टर में घुसपैठ करने के बाद पुंछ-राजौरी जिले या कश्मीर घाटी की तरफ जाने के लिए आतंकी मंडी, लोरन और गुरसाई के रास्ते से ही आगे बढ़ते हैं।
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उधमपुर जिले के लाट्टी और पंचैरी, डोडा जिले के देसा-कास्तीगढ़ और अस्सर , किश्तवाड़ जिले के दच्छन और द्राबशल्ला, राजौरी के कालाकोट और रामबन जिले के रामसू, चंदरकोट-बटोत और संगलदान-धरमकुंड इलाकों में एक-एक यूनिट तैनात की जाएगी।
कठुआ, सांबा, रामबन और उधमपुर जैसे जिलों में कोई विशेष अभियान दल नही था। यहां तक कि जम्मू, पुंछ और राजौरी जैसे स्थानों पर जहां यह मौजूद था, वहां भी संबंधित जिलों के डीएसपी मुख्यालय के अधीन यह काम कर रहा था,लेकिन सीमित मानवबल और संसाधनो के साथ।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर पुलिस में सीमांत 960 जवानों को तैनात किया गया है। यह सभी सीमावर्ती इलाकों के ही रहने वाले हैं। इनमें से 560 जम्मू प्रांत के कठुआ, सांबा, जम्मू,राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती इलाकों के रहने वाले हैं और इन्हें जम्मू प्रांत में ही सीमांत इलाकों में तैनात किया गया है।