पूरे भारत में शनिवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद हत्या के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। इसी क्रम में बिहार के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों पर ताला लटका है। मुजफ्फरपुर जिले में भी सरकारी से लेकर निजी से अस्पतालों में मरीज सेवाएं नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही हाल सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच का देखने को मिला।
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जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में चिकित्सक की हत्या (Kolkata Female Doctor Rape And Murder) के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल में मरीज सेवा नहीं दे रहे हैं।
सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में इमरजेंसी सेवा चल रही हैं। सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि चिकित्सक के हड़ताल के कारण आउटडोर सेवा को बंद कर दिया गया है।
प्रबंधक सुबह आठ बजे सदर अस्पताल में आए और निबंध काउंटर को बंद कराया। जूनियर चिकित्सकों ने एसकेएमसीएच का ओपीडी बंद कराया। जूनियर चिकित्सकों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता विरोध जारी रहेगा।
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मरीजों को हो रही परेशानी
एसकेएमसीएच जूनियर चिकित्सक संघ के अध्यक्ष प्रशांत ने कहा की सरकार उनकी मांग को नहीं मान रही। इसलिए पहले ओपीडी अनिश्चितकालीन बंद रहेगा। इलाज नहीं होने से मरीज इधर-उधर भटकते रहे। अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल में सिर्फ भर्ती मरीजों का ही इलाज किया जाएगा।
आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ सीबी कुमार ने कहा कि कोलकाता में चिकित्सक की बलात्कार के बाद हुई हत्या के खिलाफ लिए में शनिवार की सुबह 6 बजे से लेकर रविवार की सुबह 6 बजे तक निजी अस्पताल में इमरजेंसी व ओपीडी को बंद करने का आह्वान किया है।
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केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों का होगा इलाज
जिले में निजी अस्पताल में केवल भर्ती मरीजों का ही इलाज होगा इमरजेंसी व ओपीडी सेवा बंद रहेगी। वरीय चिकित्सक आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा संजय कुमार ने कहा कि कोलकाता में चिकित्सक कि बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई है। इसको लेकर चिकित्सक हड़ताल पर है।
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चिकित्सकों की क्या हैं मांग?
- पोस्टग्रेजुएट रेजिडेंट डाक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराध में शामिल दोषियों और आरजीकेएआर मेडिकल कॉलेज में आधी रात के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सक पर हमले में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
- एसकेएमसीएच व अन्य अस्पताल में रात्रि पाली में काम करने वाले चिकित्सक के लिए वार्डों और इमरजेंसी में एक अलग पुरुष व महिला चिकित्सक के कमरे और वाशरूम का प्रावधान किया जाए
- पूरे कॉलेज और अस्पताल परिसर को कवर करने वाले पूरी तरह कार्यात्मक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
- पूरे कॉलेज और अस्पताल परिसर में कार्यात्मक स्ट्रीट लाइट का प्रावधान किया जाए।
- चिकित्सक के लिए चौबीस घंटे सात दिन के आधार पर अलग कैफेटेरिया का प्रावधान किया जाए।
- पूरे कॉलेज परिसर और अस्पताल में चौबीस घंटे सातों दिन सक्षम गार्ड की व्यवस्था की जाए।
- आपातकालीन पैनिक बटन की स्थापना की जाए।
- चिकित्सक के लिए अलग से पार्किंग की जगह तथा स्नातकोत्तर निवासियों के लिए अलग छात्रावास और उचित सुरक्षा व्यवस्था की जाए।