जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष विश्वनाथ रथ ने कहा है कि एसओपी के अनुसार सभी कार्य किए जा रहे हैं। रत्न भंडार में रहने वाले खाली संदूक एवं अलमारी को नीलाद्री म्यूजियम के पास रूम में स्थानांतरित किया गया है। इन्हें सुरक्षित तरीक से रखा जाएगा। पुरी एसपी पिनाक मिश्र ने कहा कि मंदिर परिसर एवं बाहर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी।
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जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को पूर्व निर्धारित समय के अनुसार, शुक्रवार को पुन: खोला गया। जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक एवं बाहरी रत्नभंडार में रहने वाली तीन लकड़ी की अलमारी, एक स्टील अलमारी, 2 लकड़ी की संदूक और एक लोहे की संदूक को नीलाद्री म्यूजियम के पास मौजूद कक्ष में स्थानांतरित किया गया।
जानकारी के मुताबिक, जगन्नाथ मंदिर जांच कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ, मंदिर के मुख्य प्रशासक के साथ टेक्निकल टीम मंदिर के अंदर पहुंची। इसके साथ ही ओड्राफ, दमकल टीम एवं स्नेक हेल्पलाइन सदस्य भी मंदिर परिसर में तैनात रहे। लाइट, कटर, जनरेटर, फायर मास्क, मेटल डिटेक्टर मंदिर के अंदर तैनात रहे।
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रत्न भंडार से अलमारी एवं संदूक स्थानांतरण प्रक्रिया चलने के दौरान भक्तों के लिए दर्शन व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। हालांकि, आनंद बाजार से भक्तों को महाप्रसाद लेने की व्यवस्था की गई थी, जिससे भक्त महाप्रसाद ले रहे थे। स्थानांतरण प्रक्रिया खत्म होने के बाद दर्शन व्यवस्था को स्वभाविक किया गया।
गौरतलब है कि आंतरिक एवं बाहरी रत्न भंडार में तीन लकड़ी की अलमारी, एक स्टील की अलमारी, दो लकड़ी के संदूक, एक लोहे का संदूक था। इसमें मौजूद सभी अलंकार एवं आभूषण को पहले स्थानांतरित कर मंदिर परिसर में ही स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है।
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एसओपी के अनुसार किया गया काम’
जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार जांच कमेटी के अध्यक्ष विश्वनाथ रथ ने कहा है कि एसओपी के अनुसार सभी कार्य किए जा रहे हैं। रत्न भंडार में रहने वाले खाली संदूक एवं अलमारी को नीलाद्री म्यूजियम के पास रूम में स्थानांतरित किया गया है। इन्हें सुरक्षित तरीक से रखा जाएगा।
पुरी एसपी पिनाक मिश्र ने कहा कि एक बार फिर रत्न भंडार खुला है। एसओपी के अनुसार कार्य किया गया। मंदिर परिसर एवं बाहर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी।
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पहले कब-कब खोला गया रत्न भंडार?
इससे पहले 14 जुलाई को बाहरी एवं 18 जुलाई को आंतरिक रत्न भंडार खोला गया था। रत्न भंडार में रहने वाले मूल्यवान अलंकार को अस्थाई रत्न बंडार में स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद विशेषज्ञ टीम ने आंतरिक एवं बाहरी रत्न भंडार की जांच की थी। इसके बाद एएसआई टीम मरम्मत काम करेगी। तत्पश्चात एएसआई रत्न भंडार को श्रीमंदिर प्रशासन को सौंपेगी। इसके बाद महाप्रभु के रत्न अलंकार को आंतरिक एवं बाहरी भंडार में स्थानांतरित किया जाएगा और फिर रत्नों की गिनती एवं मरम्मत की जाएगी।