बिलासपुर के श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भोली के ग्रामीणों को जुखाला पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। आजादी के 77 साल बाद भी यहां पुल नहीं बन पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि वोट के समय नेता आते हैं लेकिन उसके बाद कोई सुध नहीं लेता।
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रजनीश महाजन, बिलासपुर। प्रशासन यूं तो लोगों को बरसात के नालों में जाने के लिए मना करता है, लेकिन जो लोग नदी का लांघ कर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचते हैं उनके लिए क्या व्यवस्था है धरातल पर किसी ने इसका संज्ञान लेने की जरूरत नहीं समझी है। श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत भोली के गांव भोली, पहलवाना, सुई सुराहड़ पंचायत के लोग जुखाला पहुंचने के लिए जोखिम भरे रास्ते पर सफर करने को मजबूर हैं।
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आजादी के 77 साल भी नहीं बन सका पुल
हैरानी की बात है कि आजादी के 77 वर्ष बाद भी यहां पर पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। इस दौरान कांग्रेस व भाजपा की सरकारें काबिज रही, लेकिन आज तक किसी ने इस गांव की सुध नहीं ली।
हालांकि इस गांव के लिए सड़क सुविधा भी है, लेकिन उस सड़क की हालत इतनी बदहालत है कि उस कोई भी गाड़ी नहीं चलती है। लोग अपने निजी वाहन अपने जोखिम पर ले जाते हैं।
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लोगों ने जताई नाराजगी
लोगों का कहना है कि अगर कहीं जाना हो तो लोगों को जुखाला से बस पकड़नी पड़ती है। अगर वह नदी वाले रास्ते से जाते हैं तो यह सफर केवल 1 या 1.5 किलोमीटर है जबकि सड़क से करीब दस किलोमीटर घूमकर आना पड़ता है।
बस की सुविधा न होने के कारण पैदल ही जाना पड़ता है या फिर टैक्सी आदि का सहारा लेना पड़ता है। लोगों का कहना है कि वोट के समय राजनीतिक दलों के नेता यहां आकर हाथ जोड़कर वोट मांग लेते हैं, लेकिन उसके बाद अपनी सूरत भी नहीं दिखाते हैं। यदि कोई बीमार हो जाता है तो लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है’
अन्य लोगों ने कहा कि भोली के गसाड़ के लिए रास्ता जाता है लेकिन इस रास्ते में एक नदी आती है जिस पर पुल न होने के कारण इसे जान को जोखिम में डालकर क्रॉस करना पड़ता है। इसके साथ ही इस रास्ते की हालत भी बहुत खस्ता है।
इस रास्ते के निर्माण के लिए करीब पांच वर्ष पहले एनओसी दी थी और लोगों ने सहयोग से इस जमीन के लोन को चुकाने के लिए करीब पांच लाख रुपये दिए थे। हैरानी की बात है कि भाजपा और कांग्रेस सरकार के नुमाइंदे आज तक लोगों की समस्या का समाधान नहीं कर पाए हैं।