पिछले बारह महीनों में आर्बिट्राज फंडों का असेट अंडर मैनेजमेंट दोगुना होकर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, पिछले एक साल में आर्बिट्रेज फंडों का औसतन रिटर्न 7.48 फीसदी रिटर्न दिया है.
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नई दिल्ली. निवेशकों का रुझान अब म्यूचुअल फंड की ओर बढ रहा है. पिछल कुछ समय से बड़े निवेशकों ने तो लिक्विड या ओवरनाइट फंडों की बजाय आर्बिट्रेज फंडों में पैसा लगाने को प्राथमिकता दी है. फ्रैंकलिंन टेंपलटोन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में आर्बिट्रेज फंडों में 1.08 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ है. इस निवेश से पिछले बारह महीनों में इसका असेट अंडर मैनेजमेंट दोगुना होकर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वैल्यू रिसर्च के अनुसार, पिछले एक साल में आर्बिट्रेज फंडों का औसतन रिटर्न 7.48 फीसदी रिटर्न दिया है. इस रिटर्न को बहुत ज्यादा नहीं माना जा सकता. लेकिन, फिर भी बड़े निवेशकों की इनमें बढी दिलचस्पी ने सभी का ध्यान इनकी ओर खींचा है. आम निवेशक भी यह जानने को उत्सुक है कि आखिर आर्बिट्राज फंड क्या हैं और ये कैसे कमाई करते हैं?
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आर्बिट्राज फंड इक्विटी फंड की एक श्रेणी है. ये फंड शेयर बाजार के दो अलग-अलग हिस्सों, कैश मार्केट और फ्यूचर मार्केट में एक ही शेयर की कीमत में अंतर का फायदा उठाकर मुनाफा कमाते हैं. जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो इन दोनों हिस्सों में कीमतों में अंतर बढ़ जाता है, जिससे आर्बिट्राज फंडों के लिए मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. इनका कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. बाकी निवेश डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है.
कैसे होती है कमाई?
आर्बिट्राज फंड एक सेगमेंट से कम कीमत पर शेयर खरीद कर दूसरे सेगमेंट में ज्यादा कीमत पर बेच देते हैं और कमाई करते हैं. उदाहरण के लिए किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत कैश सेगमेंट में 200 रुपये है और फ्यूचर/डेरिवेटिव सेगमेंट में 205 रुपये है. आर्बिट्राज फंड मैनेजर कंपनी के 100 शेयर 20,000 रुपये में कैश सेगमेंट में खरीदता है और 20,500 रुपये में डेरिवेटिव सेगमेंट में बेच देता है और 500 रुपये मुनाफा कमाता है. हां, रिटर्न तभी मिलेगा बशर्ते फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायरी के वक्त कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट में शेयर की यही कीमत बनी रहे.
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अगर बाजार में उलट दिशा में बदलाव हुआ तो?
अगर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायरी के समय कैश मार्केट में शेयर की कीमत घटकर 195 रुपये और फ्यूचर मार्केट में 190 रुपये हो जाए तो भी फंड मैनेजर को नुकसान नहीं होगा. क्योंकि कैश मार्केट में उसे 1000 रुपये का नुकसान होगा, लेकिन फ्यूचर मार्केट में 3000 रुपये का मुनाफा होगा. यानी कुल मिलाकर उसे 2000 रुपये का नेट मुनाफा होगा.
आर्बिट्राज फंड पर टैक्स
आर्बिट्राज फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इन पर टैक्स भी इक्विटी फंड की तरह ही लगता है.
एक साल से कम समय में रिडीम करने पर : अगर आप एक साल से कम समय में अपना निवेश निकालते हैं, तो आपको शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा जो कि 15% होता है.
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एक साल से अधिक समय बाद रिडीम करने पर : अगर आप एक साल के बाद अपना निवेश निकालते हैं, तो आपको लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. यह टैक्स सालाना एक लाख रुपये से अधिक की इनकम पर 10% होता है.
आर्बिट्राज फंड में निवेश क्यों करें?
- कम जोखिम: ये फंड इक्विटी मार्केट के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं.
- नियमित आय: ये फंड नियमित रूप से आय देने की क्षमता रखते हैं.
- टैक्स के मामले में बेहतर: इक्विटी फंड की तुलना में इन पर टैक्स की दर कम होती है.
- विविधता: ये फंड आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करते हैं.