एस-प्रेसो और ऑल्टो के10 ब्रांड के HEARTECT प्लैटफ़ॉर्म पर आधारित एंट्री-लेवल किफ़ायती छोटी कारें हैं. इन वाहनों में डुअल फ्रंट एयरबैग, रिवर्स पार्किंग सेंसर, ABS के साथ EBD, कोलैप्सिबल स्टीयरिंग कॉलम और इंजन इम्मोबिलाइज़र जैसे कुछ सेफ्टी फीटर्स मिल जाते हैं.
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नई दिल्ली. मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) सेफ्टी के मामले में केवल अपनी प्रीमियम कारों पर ही नहीं बल्कि बजट कारों पर भी ध्यान दे रही है. कंपनी अपनी सस्ती कारों की सेफ्टी को और कदम बढ़ाते हुए Alto और S-Presso में एक बड़ा अपडेट दिया है. कार निर्माता ने अब इन दोनों कारो में इलेक्ट्राॅनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP) को स्टैंडर्ड तोर पर शामिल कर लिया है. यानी अब इन दोनों कारों के बेस से टाॅप माॅडल तक सबमें यह फीचर मिल जाएगा. खास बात यह है कि नया फीचर जोड़ने के बाद भी कंपनी ने कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है.
एस-प्रेसो और ऑल्टो के10 ब्रांड के HEARTECT प्लैटफ़ॉर्म पर आधारित एंट्री-लेवल किफ़ायती छोटी कारें हैं. इन वाहनों में डुअल फ्रंट एयरबैग, रिवर्स पार्किंग सेंसर, ABS के साथ EBD, कोलैप्सिबल स्टीयरिंग कॉलम और इंजन इम्मोबिलाइज़र जैसे कुछ सेफ्टी फीटर्स मिल जाते हैं.
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कार में क्या काम करता है ESP?
ESP का मतलब इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम होता है, जो वाहन की स्थिरता को बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं से बचने में मदद करता है. ESP फिसलन या चुनौतीपूर्ण सड़क स्थितियों में वाहन को फिसलने से रोकने के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (TCS) के साथ मिलकर काम करता है.
इन कारों के पहले के मॉडल ने GNCAP क्रैश सेफ्टी टेस्ट में निराशाजनक स्कोर प्राप्त किया है. लेकिन नए सुरक्षा फीचर्स को पेश किया जाना अच्छा है. उम्मीद है कि अधिक सुरक्षा उपकरण, सुदृढ़ीकरण और नई तकनीक को जोड़ने से कारों को बेहतर सुरक्षा रेटिंग प्राप्त करने में मदद मिलेगी और खरीदारों को और भी सुरक्षित उत्पाद मिलेंगे.