UPPCL इटावा में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन पर ही बिजली की खपत और लोड की जानकारी देख सकेंगे। साथ ही जितना रीचार्ज कराएंगे उतनी ही बिजली मिलेगी। ढाई लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसी के साथ कितने रुपये की बिजली खर्च हो रही है इसकी भी जानकारी अपडेट रहेगी।
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जागरण संवाददाता, इटावा। जनपद में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेंगे, इसकी शुरूआत हो गई है। इन मीटरों के लगने के बाद बिजली विभाग के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद अब हर रोज घर में कितनी बिजली की खपत हो रही है और कितना लोड आ रहा है इसकी पूरी जानकारी उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन पर देख सकेंगे।
इसी के साथ कितने रुपये की बिजली खर्च हो रही है इसकी भी जानकारी अपडेट रहेगी। साथ ही जितना रीचार्ज कराएंगे उतनी ही बिजली मिल पाएगी।
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बुधवार को शहर क्षेत्र के रामलीला बिजली उपकेंद्र के फीडरों में जीनस कंपनी के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाकर उन्हें चालू किया गया। सहायक अभियंता मीटर विवेक कुमार सिंह, अवर अभियंता राजकमल और जीनस कंपनियों के प्रतिनिधि के द्वारा स्मार्ट मीटर लगने के बाद उसे माला पहनाई गई।
ढाई लाख उपभोक्ताओं के यहां लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर
जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था तीन वितरण खंडों से संचालित होती है। इन तीन खंडों में कुल 56 बिजली उपकेंद्र हैं और उनसे संबंधित 263 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाने की नीति बनाकर विभाग ने मीटर लगवाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा ढाई लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इन उपभोक्ताओं में घरेलू, कामर्शियल और औद्योगिक कनेक्शन धारक शामिल हैं।
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बिजली विभाग बकाया बिल भी वसूल नहीं कर पा रहा है और तमाम उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो कनेक्शन लेने के बाद बिल का भुगतान करना मुनासिब ही नहीं समझते हैं। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल फोन की तरह रीचार्ज किया जाएगा। जिस प्रकार मोबाइल फोन में बैलेंस खत्म होने के बाद काल लगना बंद हो जाती है उसी प्रकार प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बैलेंस खत्म होने पर बिजली गुल हो जाएगी।
उपकेंद्रों के बाद ट्रांसफार्मरों और फिर उपभोक्ताओं के यहां लगेंगे स्मार्ट मीटर
सबसे पहले बिजली उपकेंद्रों में हर फीडर पर एक स्मार्ट मीटर लगेगा और 263 फीडर पर मीटर लगने के बाद ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट लगाए जाएंगे, लेकिन यह मीटर प्रीपेड न होकर सिर्फ स्मार्ट होंगे। इन जगहों पर मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की बारी आएगी और फिर सर्वे के साथ-साथ प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के यहां लगाए जाएंगे।
जयपुर की कंपनी जीनस इन्फ्रा के डिप्टी मैनेजर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि फीडर पर लगने वाले स्मार्ट मीटरों 15 दिन में लगा दिया जाएगा और उसके बाद ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाए जाएंगे।
अधीक्षण अभियंता बिजली वितरण मनोज कुमार गौड़ ने बताया- जनपद में स्मार्ट मीटर लगाने कार्य जीनस कंपनी के जरिये किया जा रहा है। इन मीटरों के लगने के बाद उपभोक्ता जितना रुपया खर्च करेगा उतनी बिजली मिलेगी। प्रीपेड स्मार्ट मीटर में रीचार्ज खत्म होने से पहले उपभोक्ता के फोन पर मैसेज जाएगा। अगर किसी अवकाश दिवस में रिचार्ज खत्म हो जाएगा तो उस दिन बिजली गुल नहीं होगी। उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन से एप के माध्यम से स्वयं रीचार्ज कर सकते हैं और विभाग की ओर से 24 घंटे बिजली देने की रणनीति है।