सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर गंभीर चिंता जाहिर की.
PM Modi: सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को समाज की गम्भीर चिंता बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जल्द न्याय जरूरी है ताकि आधी आबादी का भरोसा कायम रहें. इसके अलावा पीएम ने डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी की और सक्रिय बनाने पर जोर दिया.
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इसके साथ पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये यात्रा भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है. ये एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की यात्रा है.भारत के लोगो ने हमारी न्यायपालिका पर, सुप्रीम कोर्ट पर कभी अविश्वास नहीं किया. लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की संरक्षक है.ये संतोष की बात है, कि सुप्रीम कोर्ट ने, हमारी न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करने का प्रयास किया है.
आज भी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा समाज की गंभीर चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने है. साल 2019 में सरकार ने फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की योजना बनाई थी.इसके तहत अहम गवाहों के लिये डिपोजिशन सेंटर का प्रावधान है. इसमें भी जिला मॉनिटरिंग कमेटी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. इस कमेटी में जिला जज, डीएम और एसपी शामिल होते हैं. क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के बीच समन्वय बनाने में उनकी भूमिका अहम होती है. हमें इन कमेटियों को और अधिक सक्रिय करने की जरूरत है. महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे ,आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा. क्योंकि आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा समाज की गंभीर चिंता है.’
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न्यायपालिका को लेकर क्या बोले PM मोदी?
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आजादी के बाद न्यायपालिका ने न्याय की भावना की रक्षा की है. आपातकाल जैसा काला दौर भी आया, तब न्यायपालिका ने संविधान की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी. मौलिक अधिकारों पर प्रहार हुए तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रक्षा की. जब देश की सुरक्षा का प्रश्न आया तब न्यायपालिका ने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर भारत की एकता की भी रक्षा की है.
आज 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत ,नया भारत.हमारी न्यायपालिका,खासतौर पर हमारी डिस्ट्रिक्ट जुडिशरी इस विजन का मजबूत स्तंभ है . देश का सामान्य नागरिक न्याय के लिए सबसे पहले इसका ही दरवाजा खटखटाता है. जिला न्यायपालिका हर तरह से सक्षम और आधुनिक हो, यह देश की प्राथमिकता है .मुझे विश्वास है यह राष्ट्रीय सम्मेलन इसमें हुए विमर्श, देश की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद करेंगे.
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किसी भी देश में विकास का सबसे सार्थक पैरामीटर उस देश के सामान्य मानव का जीवन स्तर है. जीवन स्तर उसकी ‘ईज ऑफ लीविंग’ से तय होता है. सरल सुगम न्याय के लिए ये जरूरी है. ये तभी संभव होगा जब हमारी न्यायपालिका,आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी से लैस होंगी.