दिल्ली पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा से साढ़े छह साल की अगवा बच्ची को बरामद कर लिया है। जांच में पता चला कि बच्ची के मौसा-मौसी ही मुख्य साजिशकर्ता थे। पुलिस ने तीन अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 30 लाख रुपये के कर्ज की वसूली के लिए बच्ची का अपहरण किया था। मौसा कृष्ण ने लड़की के चाचा शकील अंसारी को 30 लाख रुपये कर्ज दे रखा था।
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इसी को वसूलने के लिए लड़की को अगवा किया गया था। मध्य जिले के डीसीपी एम. हर्षवर्धन ने बताया कि 27 अगस्त को आईपी एस्टेट थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि कि उसकी साढ़े छह वर्ष की बेटी करीब 8:30 बजे चॉकलेट लेने के लिए घर से निकली थी, जो घर नहीं लौटी।
फिरौती के लिए आए वायस मैसेज
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई। कुछ समय बाद मलेशियाई नंबर से फिरौती के लिए वायस मैसेज आए। आरोपितों को पकड़ने के लिए स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर रोहित कुमार, एसएचओ पटेल नगर विक्रम सिंह, इंस्पेक्टर अभिषेक वर्मा, जय प्रकाश नागर, एसआई दीपक और योगेंद्र की टीम बनाई गई।
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पुलिस ने 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वायस मैसेज भेजने वाले नंबर को खंगाला। मामले के तार बिहार के सीतामढ़ी से जुड़े मिले। पूछताछ में पता चला कि बच्ची के मौसा का सीतामढ़ी से संबंध है।
पुलिस ने उससे पूछताछ ही, जिसमें उसने कुबूल किया कि उसने अपनी पत्नी शाहिदा और उसके तीन अन्य दोस्तों पिंटू, सुशील और सुनीता के साथ मिलकर नाबालिग लड़की के अपहरण की योजना बनाई थी। उसकी पत्नी शाहिदा चॉकलेट का झांसा देकर लड़की को ले गई थी।
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बीमा कराने के बहाने एजेंटों को बुलाकर लूटता था
नई दिल्ली जिले की कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक लुटेरे को गिरफ्तार किया है, जो बीमा कंपनियों के एजेंटों को बुलाकर धोखे से उनके मोबाइल फोन लूटता था। उसके कब्जे से पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। आरोपित की पहचान पंजाब के पटियाला के जसबिंदर सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि एक व्यक्ति गूगल से बीमा कंपनी में फोन कर कंपनी के एजेंटों से बीमा कवर, होम लोन या पर्सनल लोन लेने की बात कहकर कंपनी के एजेंटों से कनॉट प्लेस इलाके में मीटिंग फिक्स करता था।
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कंपनी के एजेंटों से मीटिंग के दौरान आरोपित बहाना करता था कि उसका मोबाइल काम नहीं कर रहा है और कॉल करने के लिए उनका फोन मांगता था और मौका देखते ही मोबाइल लेकर भाग जाता था।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह बीमा एजेंटों को कनॉट प्लेस इसलिए बुलाता था ताकि उन पर अच्छा प्रभाव पड़े। मोबाइल लूटने के बाद वह इन्हें ऑनलाइन ओएलएक्स, कैशिफाई जैसी ऐप पर बेच देता था।