Karan Johar On Amitabh Bachchan: करण जौहर ने एक पॉडकास्ट में अपनी जिंदगी के तमाम पहलुओं पर खुलकर बात की. उन्होंने अमिताभ बच्चन की ताकत पर बात की और बताया कि जब वे किसी कमरे में प्रवेश करते हैं, तो लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है. फिल्म निर्माता ने शांति के लिए दादा वासवानी को याद किया. करण जौहर ने कई किस्से सुनाए और बताया कि उन्हें खुद को समझने में सालों लग गए थे.
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नई दिल्ली: फिल्म निर्माता करण जौहर ने हाल में एक पॉडकास्ट में अपने बचपन के दिनों के बारे में बताया. पॉडकास्ट में रैपिड राउंड के दौरान उन्होंने कुछ सवालों के जवाब दिए. जब उनसे पावर और शांति शब्द के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पावर के लिए मेगास्टार अमिताभ बच्चन का नाम लिया और शांति के लिए दिवंगत आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का.
करण जौहर ने कहा कि मुझे लगता है कि अमिताभ बच्चन में वह पावर है. वे जब किसी कमरे में प्रवेश करते हैं, तो ज्यादातर लोग खड़े हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं होता कि वे क्यों खड़े हैं. असल में यही सच्ची शक्ति है. शांति के लिए दादा वासवानी का नाम लेते हुए करण ने कहा कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं. मुझे उनसे मिलकर शांति महसूस हुई और मैंने उनका इंटरव्यू लिया. यकीन मानिए, आध्यात्मिक दुनिया के लोगों से कभी इतना प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन मैं उनकी उपस्थिति से बहुत प्रभावित हुआ और मुझे शांति महसूस हुई.
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करण जौहर को खुद को समझने में लग गए सालों
करण जौहर ने आगे कहा था कि उन्हें एक इंसान के तौर पर अपने सफर पर गर्व है और वे इसे किसी भी तरह अलग तरीके से जीने का प्रयास नहीं करेंगे. मैं कभी भी दूसरे लड़कों की तरह नहीं था, उनकी रुचियां, उनका अंदाज, उनके खेल – यह बस मैं नहीं था. मुझे यह समझने में सालों लग गए कि मुझे अलग होने के लिए किसी से माफी मांगने की जरूरत नहीं है. मैं जो हूं, उसे स्वीकार किया है और यही मेरी शक्ति बन गई है.
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करण जौहर ने अपने काम पर कभी पछतावा नहीं किया
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म निर्माता ने आखिर में कहा, ‘आज तक मैंने जिस तरह से जीवन जिया है या जो काम मैंने किया है, उस पर मुझे कभी पछतावा नहीं हुआ है. मैं जो कुछ भी करता हूं, वह खुद के लिए है, बिना किसी खेद के. मैं बस अपनी सच्चाई जीना चाहता हूं. बता दें कि करण जौहर ने रणवीर सिंह और आलिया भट्ट स्टारर ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ का निर्देशन किया है.’