साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। प्रशासन ने जांच शुरू की लेकिन एक भी घुसपैठिया चिह्नित नहीं किया गया। इस बीच भाजपा के पूर्व जिला मंत्री ने कुछ संदिग्ध नामों की सूची उपायुक्त को सौंपी है।
- बूथ संख्या 343 में एक गृह संख्या में 48 मतदाता
- 2019 की मतदाता सूची में थे मात्र 12 वोटर
- उपायुक्त ने गठित की जांच समिति, सत्यापन का काम शुरू
डा. प्रणेश, साहिबगंज। Sahibganj News: साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात लंबे समय से उठती रही है। इससे जुड़े कई मामले यहां के थानों में दर्ज हैं। कुछ मामले बंद हो चुके हैं तो कुछ अब भी चल रहे हैं। पिछले साल राजमहल में पकड़ा गया एक बांग्लादेशी नागरिक भी यहां की जेल में बंद है।उसे सजा हो चुकी है। इसी बीच इस साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के बाद बवाल मचा हुआ है।
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भाजपा ने चुनाव आयोग से घुसपैठियों का नाम मतदाता सूची में शामिल करने की शिकायत की थी। इसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की लेकिन एक भी घुसपैठिया चिह्नित नहीं किया गया।
इसी बीच भाजपा के पूर्व जिला मंत्री तथा राजमहल विधानसभा क्षेत्र के बीएलए वन कार्तिक कुमार साहा ने उपायुक्त सह जिला निर्वाची पदाधिकारी को कुछ संदिग्ध नामों की सूची उपलब्ध कराई है तथा उसकी जांच का अनुरोध किया है।
इसके बाद उपायुक्त ने उसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की है जिसे सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी ने अपनी जांच शुरू भी कर दी है।
पिता की उम्र 69 तो पुत्र 67 साल का
इधर, जागरण पड़ताल में भी कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 25 जुलाई 2024 को प्रकाशित बूथ संख्या 343 की मतदाता सूची में गृह संख्या एक में 39 मतदाताओं का नाम है जबकि 30 जनवरी 2019 को प्रकाशित मतदाता सूची में गृह संख्या एक में मात्र चार लोगों का नाम था। यानी मात्र एक गृह संख्या में 35 मतदाता बढ़ गए।
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इस बार की मतदाता सूची में सैयद अली की आयु 69 साल अंकित है जबकि उसके कथित बेटे गफूर शेख की उम्र 67 वर्ष है। गफूर शेख का नाम 2019 की मतदाता सूची में है ही नहीं। यानी 2019 में 62 साल का गफूर शेख वहां का मतदाता नहीं था। 2019 की ही मतदाता सूची में आजाद अली की उम्र 34 साल दर्ज है जबकि इस साल की मतदाता सूची में उसका नाम नहीं है।
पत्नी की उम्र 64 साल
हालांकि, उसकी पत्नी रायसा बीबी का नाम दर्ज है और उसकी उम्र 64 साल दर्ज है। इस साल की मतदाता सूची में आजाद अली के कथित बेटे अब्दुर रशीद का नाम दर्ज है और उसकी उम्र 42 साल अंकित है। आजाद अली का मतदाता सूची में नाम होता तो उसकी उम्र मात्र 39 साल होती जबकि उसके बेटे की उम्र 42 साल है। यानी पिता से तीन साल पूर्व पुत्र का जन्म हो गया।
इसी तरह 30 जनवरी 2019 को प्रकाशित मतदाता सूची में बूथ संख्या 187 पर गृह संख्या 137 में मात्र 12 मतदाता थे जबकि इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़कर 26 हो गई। यानी पांच साल में दोगुना से भी अधिक मतदाता बढ़ गए। बूथ संख्या 208 के गृह संख्या एक में इस बार संजुरा बीबी व मुजकेरा बीबी का नाम दर्ज है लेकिन 2019 की मतदाता सूची में दर्ज नामों से इसमें कोई मेल नहीं है। यहीं हाल गृह संख्या 78 में इस साल दर्ज माया खातून का है।
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राज्य में सुनियोजित तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है। इस बार की मतदाता सूची से यह बात साबित हो चुकी है। चुनाव आयोग से भी मामले की शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन को एक भी घुसपैठिया नहीं मिल पाया। पूर्व जिला महामंत्री ने कुछ संदिग्ध नाम जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। जिला प्रशासन को गंभीरता से उसकी जांच करानी चाहिए। अनंत ओझा, विधायक, राजमहल
भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री की ओर से कुछ संदिग्ध मतदाताओं का नाम उपलब्ध कराया गया है जिसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी ने जांच शुरू भी कर दी है। जल्द ही उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। अगर गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। हेमंत सती, डीसी, साहिबगंज