सांसद को काला नाग और पूर्व सांसद को गोरा नाग कहने वाले जदयू विधायक पर केस दर्ज हो गया है। गोपाल मंडल ने सांसद अजय मंडल और पूर्व सांसद बूलो मंडल को काला और गोरा नाग बताया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने आगे की कार्रवाई के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राहुल दत्ता के न्यायालय में केस रिकॉर्ड को स्थानांतरित कर दिया है। केस में सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
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- सांसद को काला और पूर्व सांसद को गोरा नाग कहने वाले जदयू विधायक गोपाल मंडल पर केस दर्ज
- सांसद अजय मंडल और पूर्व सांसद बूलो मंडल को बताया था काला और गोरा नाग
- प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राहुल दत्ता के न्यायालय में केस रिकार्ड को किया स्थानांतरित
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अपनी विवादास्पद बयानबाजी के कारण चर्चा में रहने वाले जदयू के गोपालपुर के विधायक और सचेतक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल पर बुधवार को आपराधिक केस दर्ज हो गया है। इस बार ग्रामीण प्रशांत कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बुधवार को आपराधिक केस दर्ज कराते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई है।
प्रशांत के केस रिकॉर्ड की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश कुमार राय ने आगे की कार्रवाई के लिए केस रिकॉर्ड को प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी राहुल दत्ता की अदालत में भेज दिया है। जहां 19 सितंबर को इस केस में आगे की कार्रवाई होनी है।
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क्या कहा प्रशांत ने?
प्रशांत कुमार ने केस दर्ज कराते हुए कहा कि गोपाल मंडल ने जदयू के भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अजय कुमार मंडल को काला नाग और यहां के पूर्व सांसद और जदयू पिछड़ा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को गोरा नाग बोलकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है। प्रशांत गोपाल मंडल के पैतृक गांव नवगछिया के छोटी परबत्ता के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे बोल से लाखों लोगों के बीच दोनों नेता अपमानिक हुए हैं। जब कार्यकर्ताओं ने उनके इस वक्तव्य का विरोध किया तो उन्होंने न सिर्फ गाली-गलौज किया बल्कि दबंगई भी दिखाई।
केस दर्ज कराने वाले ने न्यायालय को जानकारी दी कि जिस बैठक में विधायक गोपाल मंडल सांसद अजय मंडल और पूर्व सांसद बुलो मंडल को काला और गोरा नाग बोलकर अपमानित कर रहे थे, उस बैठक में वह भी थे।
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इस मामले में प्रशांत ने थाने में केस दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन थाने में उनका केस यह बोलते हुए नहीं लिया गया कि उनका गलत व्यवहार संज्ञेय अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। जिसके बाद वह केस दर्ज कराने अधिवक्ता ब्रजेश कुमार वर्मा के साथ न्यायालय पहुंच गए। न्यायालय ने उनकी शिकायत पर संज्ञान ले लिया है।