हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का खास महत्व है। यह पर्व बप्पा को पूर्ण रूप से समर्पित है। इस बार गणेश महोत्सव (Ganesh Chaturthi 2024 Date) की शुरुआत 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी विघ्नों का अंत होता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
ये भी पढ़ें:- Parliament Session: ‘सदन में कोई भी आसानी से नहीं बच सकता’, किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को लेकर क्यों कही ये बात
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी, जिस गणेश महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, यह सनातन धर्म के सबसे प्रमुख और पूजनीय त्योहारों में से एक है। यह बप्पा के जन्म का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान (Ganesh Chaturthi 2024) बप्पा की पूजा करने से सभी बाधाओं का नाश होता है, जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें पवित्रता और कुछ पूजन नियमों का पालन भक्ति भाव के साथ करना चाहिए। इससे जीवन में समृद्धि आती है। इस साल गणेश महोत्सव की शुरुआत 07 सितंबर से हो रही है।
ये भी पढ़ें:- विपक्ष के Caste Census की मांग का चंद्रबाबू नायडू ने निकाला तोड़, PM मोदी के साथ मिलकर बनाया ये मास्टरप्लान
गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं किया जाता है चंद्रमा का दर्शन?
चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 Date) के मौके पर चंद्रमा को नहीं देखने की मान्यता है। इसे लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक का जिक्र हम आज करेंगे। जब एक बार श्री गणेश धरती लोक की परिक्रमा करने निकले थे। इस दौरान सभी देवी-देवता उन्हें नमन कर रहे थे, लेकिन चंद्र देव ने अपनी चमक, रोशनी और खूबसूरती के गुमान में उनके गजानन मुख का मजाक उड़ा दिया था।
ये भी पढ़ें:- PM Modi: ‘मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं’, छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर बोले पीएम मोदी
उनके इस अभिमान को समाप्त करने के लिए भगवान गणेश ने उन्हें सदैव के लिए काले होने का श्राप दे दिया था। इस घटना के बाद जब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसके लिए बप्पा से क्षमा मांगी।
ये भी पढ़ें- रेमंड के इस शेयर की बाजार में धमाकेदार एंट्री, 99% से ज्यादा के फायदे के साथ हुई लिस्टिंग
जिसपर गणेश जी ने कहा कि ‘यह श्राप पूर्ण रूप से तो समाप्त नहीं हो सकता है, लेकिन इसे कम अवश्य किया जा सकता है। तब उन्होंने इसका प्रभाव कम करते हुए कहा, ‘जो लोग चुतर्थी के मौके पर चांद को देखेंगे उन्हें बेवजह कलंक का सामना करना पड़ेगा’।
चतुर्थी पर हो जाए चंद्र दर्शन तो करें यह कार्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस तिथि चंद्रमा के दर्शन करते हैं, उन्हें झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही निर्दोष होने पर भी बदनामी का सामना करना पड़ता है। इसके बारे में आपने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से भी सुना होगा।
ये भी पढ़ें- Baazar Style Retail IPO: NSE – BSE पर लिस्ट हुए शेयर, रेखा झुनझुनवाला ने भी कंपनी में लगाया है पैसा
इसलिए गलती से भी इस मौके पर चांद को न देखें। यदि आपने अंजाने में यह गलती कर दी है, कृष्ण-कृष्ण का जाप अवश्य करें। इससे उसका प्रभाव कम हो जाएगा।