खून के कैंसर को हेमाटोलॉजिकल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, जो कई तरह के कैंसरों को शामिल करता है, जैसे- खून, अस्थि मज्जा (बोन मैरो) और लसीका प्रणाली (लिम्फैटिक सिस्टम).
खून के कैंसर को हेमाटोलॉजिकल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, जो कई तरह के कैंसरों को शामिल करता है, जैसे- खून, अस्थि मज्जा (बोन मैरो) और लसीका प्रणाली (लिम्फैटिक सिस्टम). इनमें ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा जैसे कैंसर शामिल होते हैं. इन कैंसरों के शुरुआती लक्षण अक्सर धुंधले होते हैं या अन्य सामान्य बीमारियों जैसे दिख सकते हैं, जिससे इनका जल्दी पता लगाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए, इन लक्षणों को पहचानना और समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है.
न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में प्रयोगशाला के प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्र ने ब्लड कैंसर के लक्षणों और जांच के कुछ सामान्य तरीके बताएं, जिन्हें हर किसी को जानना बेहद जरूरी है. तो आइए पहले जानते हैं ब्लड कैंसर होने पर किस तरह लक्षण मिलते हैं.
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1. अचानक और असाधारण थकान
खून के कैंसर का सबसे पहला और सामान्य लक्षण असाधारण थकान है. यह थकान बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है और आराम करने के बावजूद भी ठीक नहीं होती. अगर आप लगातार थकान महसूस कर रहे हैं और इसका कारण समझ नहीं पा रहे हैं, तो यह खून के कैंसर का प्रारंभिक संकेत हो सकता है.
2. बार-बार संक्रमण होना
खून का कैंसर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर कर देता है, जिससे बार-बार संक्रमण होने लगता है. मरीजों को अक्सर जुकाम, फ्लू या अन्य संक्रमण बार-बार हो सकते हैं और इन्हें ठीक होने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है. अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है.
3. अचानक से शरीर पर नीले निशान या खून बहना
अगर आपके शरीर पर बिना किसी कारण के नीले निशान (ब्रूज़) आ जाते हैं या आपकी नाक से बार-बार खून बहता है या मसूड़ों से खून आता है, तो यह खून के कैंसर का संकेत हो सकता है. यह समस्या शरीर में प्लेटलेट्स की कमी के कारण होती है, जो खून के थक्के बनाने में मदद करती हैं.
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4. गांठें (स्वोलन लिम्फ नोड्स)
अगर आपकी गर्दन, बगल या जांघों के क्षेत्र में लिम्फ नोड्स सूज गए हैं, तो यह लिम्फोमा का लक्षण हो सकता है, जो खून के कैंसर का एक प्रकार है. इन सूजी हुई गांठों में दर्द नहीं होता है, लेकिन इन्हें अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है.
5. हड्डियों में दर्द
मायलोमा जैसे कुछ खून के कैंसरों के कारण हड्डियों में दर्द हो सकता है, विशेष रूप से पीठ या पसलियों में. अगर आपको हड्डियों में लगातार दर्द महसूस हो रहा है, तो इसे गंभीरता से लें और डॉक्टर से सलाह करें.
6. पीली त्वचा या एनीमिया
खून के कैंसर के कारण रेड ब्लड सेल्स की संख्या में कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया हो जाता है. इसका परिणाम पीली त्वचा, सांस की कमी और चक्कर आने के रूप में दिख सकता है. अगर आपको ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत जांच कराएं.
7. बुखार और रात में पसीना आना
बिना किसी स्पष्ट कारण के बुखार आना और रात में पसीने से भीग जाना भी खून के कैंसर का संकेत हो सकता है. ये लक्षण अक्सर आते-जाते रहते हैं और इनका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है.
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खून के कैंसर की जांच के सामान्य तरीके
* कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC): यह टेस्ट खून में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के लेवल को मापता है. असामान्य गिनती खून के कैंसर का संकेत हो सकती है.
* बोन मैरो बायोप्सी: इस प्रक्रिया में अस्थि मज्जा का एक छोटा नमूना निकाला जाता है और उसमें कैंसर सेल्स की मौजूदगी की जांच की जाती है.
* इमेजिंग टेस्ट: एक्स-रे, सीटी स्कैन या पीईटी स्कैन के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर के संकेतों की जांच की जाती है.
* साइटोजेनेटिक टेस्टिंग: यह टेस्ट खून या अस्थि मज्जा सेल्स के गुणसूत्रों की जांच करता है ताकि खून के कैंसर का पता लगाया जा सके.