Bank Locker Rule कई लोग अपने जरूरी सामान यानी ज्वेलरी डॉक्यूमेंट रखने के लिए बैंक लॉकर का इस्तेमाल करता है। बैंक लॉकर के नियम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किये जाते हैं आरबीआई ने हाल ही में बैंक लॉकर के नई गाइडलाइन्स जारी की है। अगर आपके पास भी बैंक लॉकर है या आप लेने की सोच रहे हैं तो आपको बैंक लॉकर न्यू गाइडलाइन्स के बारे में जान लें।
ये भी पढ़ें:- Petrol-Diesel Price: 8 सितंबर की सुबह-सुबह लोगों को मिली पेट्रोल-डीजल पर राहत? जानें अपने शहर का लेटेस्ट रेट
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अपने ज्वेलरी या फिर कोई जरूरी डॉक्यूमेंट को घर में रखने या फिर किसी दूसरे व्यक्ति के पास सुरक्षित रखवाने में हमें अक्सर डर रहता है। हमें डर रहता है कि अगर यह खो गए, चोरी हो गए या फिर जल गए तो जीवन भर की जमा-पूंजी व्यर्थ चली जाएगी। ऐसे में इन सभी की सिक्योरिटी के लिए बैंक लॉकर (Bank Locker) काफी अच्छा ऑप्शन रहता है।
ये भी पढ़ें- Vodafone Idea Share: टेलीकॉम स्टॉक में क्यों मची खलबली? इस रिपोर्ट के बाद 14% गिर गया शेयर
अगर आप बैंक लॉकर लेने की या फिर आपके पास है तो आपको आज हम भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नए अपडेट के बारे में बताएंगे। इन नए अपडेट के बारे में बताने से पहले हम आपको बता दें कि आरबीआई द्वारा ही बैंक लॉकर के नियम (Bank Locker Rule) तय किये जाते हैं। आरबीआई ने हाल ही में बैंक लॉकर के नियमों में कुछ बदलाव करते हुए गाइडलाइन जारी की है।
क्या है नई गाइडलाइन्स
आरबीआई ने लॉकर के रिन्यू करने का प्रोसेस बताया है। नए गाइडलाइन्स के हिसाब से 31 दिसंबर 2023 तक रिवाइज्ड एग्रीमेंट पर साइन करके बैंक में डिपॉजिट करना होगा।
क्या आप ओपन कर सकते हैं बैंक लॉकर
कई लोगों का सवाल होता है कि बैंक लॉकर किन्हें मिलता है। आरबीआई ने बताया कि बैंक लॉकर केवल उन खाताधारक को मिलता है जिनका बैंक में सेविंग अकाउंट (Savin Account) या करंट अकाउंट (Current Account) हो। अगर कस्टमर बैंक लॉकर ओपन करवाना चाहता है तो उसके लिए केवल पैन कार्ड (PAN card) या आधार कार्ड (Aadhaar card) की जरूरत होती है। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ भी जमा करना होता है।
ये भी पढ़ें- ई-स्कूटर बनाने वाली कंपनी ला रही 4500 करोड़ का IPO, सिर पर दबंग ‘हीरो’ का हाथ, कर लो तैयारी
बैंक लॉकर नियमों से जुड़ी अन्य बातें
- लॉकर लेने के लिए बैंक और ग्राहक के बीच एग्रीमेंट होता है। इन एग्रीमेंट में सिग्नेचर करने के बाद ही लॉकर अलॉट किया जाता है।
- लॉकर का साइज क्या होगा? यह ग्राहक द्वारा तय किया जाता है। वैसे तो बैंक लॉकर सिंगल-टायर्ड या मल्टी-टायर्ड होते हैं।
- जब लॉकर ओपन हो जाता है तो बैंक कस्टमर को स्पेसिफिक नंबर की चाबी देता है और अपने पास उसका मास्टर चाबी (Master key) रखता है।
- लॉकर पर कितना रेंट लगेगा यह इस बात पर तय किया जाता है कि लॉकर का साइज क्या है बैंक किस लोकेशन है। हालांकि, लॉकर ओपन होने के साथ ही बैंक कस्टमर से सिक्योरिटी डिपॉजिट ले लेता है। यह डिपॉजिट फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit) या कैश अमाउंट पर जमा किया जा सकता है।