Heart Attack Cardiac arrest : दिल का दौरा, जिसे तकनीकी रूप से मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कहा जाता है, हार्ट की मांसपेशी में चोट लगने या उसकी मृत्यु का वर्णन करता है. हृदय गति रुकना, जिसे अचानक हृदय गति रुकना भी कहा जाता है, ऐसा तब होता है जब हार्ट धड़कना बंद कर देता है यानी प्रभावी पंप के रूप में काम करना बंद कर देता है.
How heart works: जुलाई 2023 में उभरते हुए अमेरिकी बास्केटबॉल स्टार ब्रॉनी जेम्स अभ्यास के दौरान कोर्ट में ही गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. पॉपुलर एलए लेकर्स के खिलाड़ी रहे लेब्रोन जेम्स के बेटे 18 वर्षीय एथलीट को हृदय गति रुकने की स्थिति का सामना करना पड़ा था. कई मीडिया संस्थानों ने इस घटना को गलत तरीके से ‘दिल का दौरा’ कहा या इन शब्दों का परस्पर प्रयोग किया. हृदय गति रुकना और दिल का दौरा, हृदय से जुड़ी अलग-अलग लेकिन परस्पर-संबंधित अवधारणाएं हैं.
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हृदय किस प्रकार काम करता है, इसकी कुछ पृष्ठभूमि जानने के बाद हम देख सकते हैं कि वे किस प्रकार भिन्न हैं तथा किस प्रकार संबंधित हैं.
Know your Heart: हृदय को समझना
हृदय एक मांसपेशी है जो पंप के रूप में काम करने के लिए सिकुड़ती है. जब यह सिकुड़ती है तो यह रक्त को – जिसमें ऑक्सीजन और पोषक तत्व होते हैं – हमारे शरीर के सभी ऊतकों तक पहुंचाती है.
हृदय की मांसपेशियों को पंप के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए, उसे कोरोनरी धमनियों द्वारा पहुंचाई जाने वाली रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है. यदि ये धमनियां अवरुद्ध हैं, तो हृदय की मांसपेशियों को आवश्यक रक्त नहीं मिल पाता.
इससे हृदय की मांसपेशी घायल हो सकती है या मर सकती है, और परिणामस्वरूप हृदय ठीक से पंप नहीं कर पाता.
Heart attack or cardiac arrest? दिल का दौरा या हृदय गति रुकना
सरल शब्दों में कहें तो, दिल का दौरा, जिसे तकनीकी रूप से मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कहा जाता है, हृदय की मांसपेशी में चोट लगने या उसकी मृत्यु का वर्णन करता है.
हृदय गति रुकना, जिसे कभी-कभी अचानक हृदय गति रुकना भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय धड़कना बंद कर देता है, या दूसरे शब्दों में कहें तो प्रभावी पंप के रूप में काम करना बंद कर देता है.
दूसरे शब्दों में, दोनों ही हृदय के ठीक से काम न करने से संबंधित हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से. जैसा कि हम बाद में देखेंगे, एक के होने पर दूसरी परेशानी भी हो सकती है.
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ऐसा क्यों होता है? इसका खतरा किसे है?
दिल का दौरा आम तौर पर कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण होता है. कभी-कभी इसे कोरोनरी धमनी रोग कहा जाता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में, हम इसे इस्केमिक हृदय रोग के रूप में संदर्भित करते हैं.
लगभग 75 प्रतिशत लोगों में इसका मूल कारण ‘एथेरोस्क्लेरोसिस’ नामक प्रक्रिया है. यह वह स्थिति है जब कोरोनरी धमनियों की दीवारों में वसायुक्त और रेशेदार ऊतक जमा हो जाते हैं, जिससे परत बन जाती है. परत रक्त वाहिका को अवरुद्ध कर सकती है या कुछ मामलों में रक्त का थक्का बनने का कारण बन सकती है.
एथेरोस्क्लेरोसिस एक दीर्घकालिक, गुपचुप होने वाली प्रक्रिया है, जिसमें कई जोखिम कारक हैं जो किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं. उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, आहार, मधुमेह, तनाव और आपके जीन सभी इस परत की निर्माण प्रक्रिया में शामिल हैं.
दिल के दौरे के अन्य कारणों में कोरोनरी धमनियों में ऐंठन (जिसके कारण वे सिकुड़ जाती हैं), छाती में चोट, या कोई अन्य कारण जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है, शामिल हैं.
चाहे जो भी कारण हो, इन वाहिकाओं के माध्यम से रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध या कम करने से हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. इसलिए हृदय की मांसपेशियों में कोशिकाएं घायल हो सकती हैं या मर सकती हैं.
लेकिन हृदय गति रुकना हृदय की धड़कन की अनियमितता का परिणाम है, जिससे हृदय के लिए शरीर में रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करना कठिन हो जाता है. दिल की धड़कन में ये अनियमितताएं आमतौर पर दिल में ‘इलेक्ट्रिकल’ व्यवधान के कारण होती हैं. इसके चार अलग-अलग प्रकार हैं:
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1. वेंट्रीकुलर टैचीकार्डिया: हृदय की एक तेज और असामान्य लय जिसमें हृदय की धड़कन 100 धड़कन प्रति मिनट से अधिक होती है (सामान्य वयस्क में विश्राम की अवस्था में हृदय गति आम तौर पर 60-90 धड़कन प्रति मिनट होती है). यह तेज हृदय गति हृदय को रक्त से भरने और इस प्रकार पर्याप्त रूप से पंप करने से रोकती है.
2. वेंट्रीक्युलर फिब्रिलेशन: नियमित धड़कन के बजाय, हृदय कांपता है या ‘फाइब्रिलेट’ होता है, जिसके परिणामस्वरूप अनियमित हृदय गति 300 धड़कन प्रति मिनट से अधिक हो जाती है.
3. बिना नब्ज के ‘इलेक्ट्रिकल’ गतिविधि: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हृदय की मांसपेशी इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन के बाद पर्याप्त पंपिंग बल उत्पन्न करने में विफल हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कोई नब्ज नहीं मिलती है.
4. एसिस्टोल: फिल्मों में दिखाई देने वाली क्लासिक ‘सपाट रेखा’ वाली हृदय लय, जो हृदय में किसी इलेक्ट्रिकल गतिविधि का संकेत नहीं देती है.
हृदयगति रुकने की अनेक अंतर्निहित स्थितियां हो सकती हैं, जो हृदय से संबंधित भी हो सकती हैं, जैसे डूबना, आघात, श्वासावरोध, विद्युत आघात और नशीली दवाओं का अधिक सेवन. जेम्स के हृदयाघात का कारण जन्मजात हृदय दोष बताया गया, जो एक ऐसी हृदय संबंधी बीमारी थी जिससे वह जन्म से ही पीड़ित था.
लेकिन हृदय गति रुकने के अनेक कारणों में से, इस्केमिक हृदय रोग, जैसे कि दिल का दौरा, सबसे आम कारण है, जो सभी मामलों में 70% के लिए जिम्मेदार है.
तो फिर दिल का दौरा पड़ने से हृदय गति कैसे रुक सकती है? आपको याद होगा कि दिल के दौरे के दौरान, हृदय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं या उसके कुछ हिस्से (उत्तक) मर सकते हैं. यह क्षतिग्रस्त या मृत ऊतक हृदय की ‘इलेक्ट्रिकल’ संकेतों को संचालित करने की क्षमता को बाधित कर सकता है, जिससे हृदयगति की लय में व्यवधान का खतरा बढ़ जाता है, जो संभवतः हृदयगति रुकने का कारण बन सकती है.
इसलिये दिल का दौरा जहां हृदयगति रुकने का एक सामान्य कारण है, वहीं हृदयगति रुकने से आमतौर पर दिल का दौरा नहीं पड़ता है.
लक्षण भी जानिए
क्योंकि हृदय गति रुकने के कारण हृदय की प्रभावी पंपिंग अचानक बंद हो जाती है, इसलिए सबसे आम संकेत और लक्षण हैं 1. अचानक चेतना का खत्म हो जाना. 2. नब्ज या दिल की धड़कन का बंद हो जाना, 3. सांस रुक जाना, 4. त्वचा का पीला या नीला पड़ जाना. 5. जबकि दिल के दौरे के सामान्य संकेतों और लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी शामिल है, जो शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में भी हो सकती है. इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, मतली, चक्कर आना और पसीना आना भी आम बात है.
इसका संदेश क्या है?
दिल का दौरा और हृदय गति रुकना हालांकि दोनों ही हृदय से संबंधित विकार हैं, लेकिन उनके तंत्र और परिणाम अलग-अलग हैं. दिल का दौरा घर में पानी की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में रुकावट की तरह है. लेकिन हृदय गति रुकना घर की वायरिंग में बिजली की खराबी की तरह है. अपनी अलग-अलग प्रकृति के बावजूद दोनों स्थितियों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं और तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.