अलगाववादी समूह मुस्लिम कान्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) के चार गुटों को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायिक ट्रिब्यूनल ने बरकरार रखा है। संगठनों पर आतंकवाद के जरिये जम्मू-कश्मीर में अलगाव को बढ़ावा देने के साथ ही भारत की अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अलगाववादी समूह मुस्लिम कान्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) के चार गुटों को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायिक ट्रिब्यूनल ने बरकरार रखा है। संगठनों पर आतंकवाद के जरिये जम्मू-कश्मीर में अलगाव को बढ़ावा देने के साथ ही भारत की अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है।
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ट्रिब्यूनल में शामिल न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने मंत्रालय के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इन कार्यवाहियों में रिकार्ड पर पेश की गई विस्तृत सामग्री और सुबूतों के तहत जेकेपीएल के चार गुटों पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त कारण है। अदालत ने यह निर्णय दो अलग-अलग आदेश में मुस्लिम कान्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) के एक और जेकेपीएल के चार गुटों को लेकर सुनाया। इन संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगाया गया था।
गृह मंत्रालय ने 28 फरवरी को मुस्लिम कान्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) को एक अधिसूचना के माध्यम से प्रतिबंधित संघ घोषित किया गया था। प्रतिबंध लगाते समय मंत्रालय ने कहा था कि भट गुट के प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ संबंध थे और उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन किया था।
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विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में शामिल थे
यह भी आरोप है कि संगठन के नेता और सदस्य आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में शामिल थे।
ट्रिब्यूनल द्वारा जारी एक अन्य आदेश में जम्मू-कश्मीर पीपल्स लीग के चार गुटों जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) व जेकेपीएल (अजीज शेख) पर लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि की गई है। इन संगठनों को गैरकानूनी संगठन के रूप में जाना जाता है।
भारत विरोधी प्रचार करने का आरोप
15 मार्च को यूएपीए के तहत जेकेपीएल के चार गुटों को गैरकानूनी घोषित करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था कि समूह आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैलाने में शामिल था। इसके सदस्य हिंसक भीड़ जुटाने में शामिल थे और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया था।