अगस्त 2024 में थोक मुद्रास्फीति 1.31 प्रतिशत रही, जो सब्जियों, खाद्य पदार्थों, और ईंधन की कीमतों में कमी से हुई. जुलाई में यह 2.04 प्रतिशत थी. खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही, जो जुलाई से अधिक है.
थोक मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है, और अगस्त 2024 में यह 1.31 प्रतिशत रही. यह जानकारी मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली. सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण यह गिरावट आई है.
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पिछले महीने से तुलना
जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.04 प्रतिशत थी, जबकि अगस्त 2023 में यह (-) 0.46 प्रतिशत रही थी. अगस्त 2024 में खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, कपड़ा विनिर्माण और मशीनरी के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई है.
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति
अगस्त में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी. सब्जियों की कीमतों में 10.01 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि जुलाई में यह 8.93 प्रतिशत थी. आलू और प्याज की मुद्रास्फीति क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत पर बनी रही.
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ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति
ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति जुलाई के 1.72 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही.
खुदरा मुद्रास्फीति
अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण 3.65 प्रतिशत रही, जो जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को मुख्य रूप से ध्यान में रखता है. अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा.