Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन की वजह से शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. हालांकि अब कमाचलाऊ सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा दिखने लगा है. उधर बीएनपी सुप्रीमो खालिदा जिया ने भी यूनुस के खिलाफ आंखें तरेरनी शुरू कर दी हैं.
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ढाका. बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद मोहम्मद यूनुस को बड़े अरमानों के साथ देश की बागडोर सौंपी गई थी. यूनुस को कामचलाऊ सरकार बनाए अभी 100 दिन भी नहीं हुए, लेकिन उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखने लगा है. वहीं विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया भी आंखें तरेरनी लगी हैं.
ढाका में मंगलवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. इनमें जिया की पार्टी बीएनपी के हजारों कार्यकर्ता और नेता भी शामिल थे. ये लोग जल्द चुनाव करवाकर लोकतांत्रिक ढंग से नई सरकार बनवाने की मांग कर रहे थे. बीएनपी नेता और कार्यकर्ता ढाका में पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा हुए और देश में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करते हुए नारे लगाए.
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टूट रहा लोगों के सब्र का बांध
बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कामचलाऊ सरकार बनाई गई थी. यह सरकार थोड़े वक्त के लिए बनी थी, लेकिन इसने अभी तक चुनाव कराने की कोई समयसीमा जारी नहीं की है. ऐसे में लोग के सब्र का बांध अब टूटता दिख रहा है.
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने निर्वाचन आयोग सहित विभिन्न संस्थानों में सुधार के लिए कई योजनाएं पेश की हैं, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी सहित दूसरी प्रमुख पार्टियां जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रही हैं.
यूनुस ने अपने हालिया बयानों में यह तो नहीं बताया कि बांग्लादेश में चुनाव कब आयोजित किए जाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि वह तब तक सत्ता में रहेंगे, जब तक लोग ऐसा चाहेंगे. अखबारों के संपादकों की एक टीम ने हाल में कहा था कि यूनुस को प्रमुख सुधार को लागू करना चाहिए और सत्ता में कम से कम दो साल तक बने रहना चाहिए.
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खालिदा जिया ने की जल्द चुनाव की मांग
बीएनपी ने शुरू में तीन महीने में चुनाव कराने की मांग की थी, लेकिन बाद में उसने कहा कि वह अंतरिम सरकार को सुधार लागू करने के लिए समय देना चाहती है. हालांकि अब उसका मन भी बदलता दिख रहा है.
बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारीक रहमान ने कहा कि उनकी पार्टी ने सुधारों के लिए अंतरिम सरकार की योजनाओं का समर्थन किया है, लेकिन ऐसे बदलाव तभी कायम रहेंगे, जब लोगों को इस प्रक्रिया में अपनी बात कहने का अधिकार मिलेगा.
रहमान ने यह नहीं बताया कि अगले चुनाव कब होने चाहिए, लेकिन कहा कि किसी भी सुधार का अगली संसद में समर्थन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव ही लोगों का राजनीतिक सशक्तिकरण सुनिश्चित कर सकता है.’