LIC Mutual Fund : अगर आप एलआईसी म्यूचुअल फंड की किसी नई और बेहतर स्कीम की तलाश में हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. एलआईसी म्यूचुअल फंड का न्यू फंड ऑफर (NFO) 20 सितंबर, 2024 को लॉन्च होने जा रहा है.
LIC MF Manufacturing Fund : अगर आप एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC MF) की किसी नई और बेहतर स्कीम की तलाश में हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. एलआईसी म्यूचुअल फंड का न्यू फंड ऑफर (NFO) 20 सितंबर, 2024 को लॉन्च होने जा रहा है. इस एनएफओ का नाम है एलआईसी म्यूचुअल फंड मैन्युफैक्चरिंग फंड (LIC MF Manufacturing Fund), जो 20 सितंबर से 4 अक्टूबर तक खुली रहेगी. यह ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो मैन्युफैक्चरिंग थीम को फॉलो करती है. इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये के साथ निवेश किया जा सकता है.
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लम्स सम और SIP दोनों की सुविधा
एलआईसी म्यूचुअल फंड मैन्युफैक्चरिंग फंड में कम से कम एकमुश्त 5000 रुपये निवेश किया जा सकता है. जिसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं. वहीं इसमें कम से कम 1000 रुपये मंथली SIP की भी सुविधा है. फंड के लिए बेंचमार्क Nifty India Manufacturing Index (TRI) है.
NFO का क्या है उद्देश्य
एलआईसी म्युचुअल फंड मैन्युफैक्चरिंग फंड का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज से संबंधित कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी संबंधित विकल्पों में निवेश करके लंबी अवधि में हाई रिटर्न हासिल करना है. इस फंड के लिए बेंचमार्क निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टोटल रिटर्न इंडेक्स है.
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निवेश के लिए मैन्युफैक्चरिंग थीम क्यों बेहतर
मौजूदा समय की बात करें तो भारत स्ट्रैटेजिक रूप से दुनिया भर में एक उभरते मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में पहचान बना रहा है. इसी के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है, वहीं इसमें दुनियाभर के निवेशक भी पैसा लगा रहे हैं. घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग केंद्र सरकार के फोकस वाले सेक्टर्स में एक है. ऐसे में इस थीम में पैसा लगाकर निवेशक बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
निवेश की स्ट्रैटेजी
इस स्कीम का उद्देश्य मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग थीम का पालन करने वाली कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी संबंधित विकल्पों में निवेश करके लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न जेनरेट करना है. हालांकि इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि योजना का निवेश उद्देश्य हासिल किया जाएगा.
इस स्कीम के पास इक्विटी या इक्विटी से जुड़े विकल्पों में कम से 80 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक निवेश का विकल्प होगा. वहीं अन्य इक्विटी या इक्विटी विकल्पों में 0 से 20 फीसदी, डेट व मनी मार्केट विकल्पों में 0 से 20 फीसदी और REITs व InvITs द्वारा जारी की गई यूनिट में 0 से 10 फीसदी फंड लगाने का विकल्प होगा.