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उत्तराखंड

उत्‍तराखंड में अब पैरोल पर जेल से बाहर गए कैदियों पर रहेगी ऑनलाइन नजर, लगाई जाएगी ट्रेकिंग डिवाइस

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GPS Tracking on Parole उत्तराखंड में पैरोल पर जेल से बाहर जाने वाले कैदियों पर अब जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएगी। इस कदम का उद्देश्य जेल के बाहर उनकी गतिविधियों पर नजर रखना है। जेल प्रशासन विभाग जीपीएस युक्त इन डिवाइस को खरीदने की तैयारी कर रहा है। नया कारागार एवं सुधार सेवाएं एक्ट में कैदियों पर नजर रखने की विशेष व्यवस्था की गई है।

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  1. जेल से बाहर जाने वाले कैदियों पर लगाए जाएंगे ट्रेकिंग डिवाइस
  2. जेल प्रशासन विभाग द्वारा जीपीएस युक्त इन डिवाइस को खरीदने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। GPS Tracking on Parole: प्रदेश में अब पैरोल पर जेल से बाहर जाने वाले कैदियों पर नजर रखने के लिए उन पर ट्रेकिंग डिवाइस लगाई जाएगी। उद्देश्य यह है कि जेल के बाहर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए जेल प्रशासन विभाग जीपीएस युक्त इन डिवाइस को खरीदने की तैयारी कर रहा है।

प्रदेश सरकार ने हाल ही में नया कारागार एवं सुधार सेवाएं एक्ट बनाया है। इस एक्ट में कैदियों पर नजर रखने की विशेष व्यवस्था की गई है। दरअसल, कोरोना के समय जेलों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गृह विभाग ने बड़ी संख्या में कैदियों को पैरोल पर छोड़ा था।

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अवधि समाप्त होने के बाद कई कैदी वापस जेल में नहीं पहुंचे

जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ तब इनका पैरोल समाप्त कर दिया गया। उस समय यह देखने में आया कि पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद कई कैदी वापस जेल में नहीं पहुंचे और न ही इनके ठिकानों के बारे में जेल प्रशासन अथवा पुलिस के पास जानकारी थी। काफी मशक्कत के बाद इन्हें वापस लाया गया। ऐसे में इन कैदियों के पैरोल के दौरान बाहर रहने पर नजर रखने के लिए पुख्ता व्यवस्था बनाने की जरूरत महसूस हो रही थी।

गृह विभाग ने नया कारागार एक्ट बनाया है तो उसमें कैदियों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस एक्ट में की गई व्यवस्थाओं से पैरोल अथवा कारागार अवकाश की अवधि के दौरान कैदी हर समय जेल प्रशासन की नजर में रहेंगे।

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भविष्य में किसी भी तरह का कारागार अवकाश नहीं मिलेगा

एक्ट के अनुसार कैदियों की आवाजाही और गतिविधियों पर निगरानी के लिए इलेक्ट्रानिक ट्रेकिंग डिवाइस पहनने की शर्त पर ही कारागार से तय समय के लिए छोड़ा जाएगा। कैदी द्वारा इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का उल्लंघन करने पर उन्हें भविष्य में किसी भी तरह के कारागार अवकाश के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। अब जेल विभाग इनके हाथों व पांवों पर लगाने के लिए जीपीएस युक्त डिवाइस खरीदने की तैयारी कर रहा है।

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सचिव गृह शैलेश बगोली का कहना है कि कारागार एक्ट में इसका प्रविधान किया गया है। अब इसे लागू करने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही हैं।

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