भारत में नवंबर से दिसंबर के बीच 35 लाख शादियों का अनुमान है, जिसमें 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. सोने की मांग बढ़ने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और अलग-अलग सेक्टर्स में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगें.
इस साल भारत में नवंबर से दिसंबर के बीच 35 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है. हर साल लगभग एक करोड़ शादियां होती हैं. यह शादी का समय भारत की बड़ी इंडस्ट्री में से एक है.
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खर्च का अनुमान
इस बार शादियों पर करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. शादियों के इस सीजन में लगभग 130 अरब डॉलर खर्च होंगे. इससे लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
सोने की मांग बढ़ेगी
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. इससे सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है. सोना भारत में धार्मिक और सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. लोग इसे एक निवेश के तौर पर भी देखते हैं.
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रिटेल मार्केट में आएगी मजबूती
सोने की मांग बढ़ने से रिटेल मार्केट में भी मजबूती देखने को मिलती है. जब लोग शादियों और त्योहारों पर खर्च करते हैं, तो रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, ज्वेलरी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होता है. यह सभी क्षेत्र आर्थिक विकास में योगदान करते हैं.
कंपनियों का फायदा बढ़ेगा
डिमांड बढ़ने से कंपनियों के लाभ में भी बढ़ोतरी होगी. इससे कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ेगी. यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा.
गौरतलब है कि भारत में शादियों का यह सीजन न केवल खुशी का समय है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है. शादी के दौरान होने वाला खर्च और बढ़ती मांग सभी सेक्टर्स के लिए फायदेमंद होती है. इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं.