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झारखण्ड

Jharkhand News: रामगढ़ डीसी के फेक आइडी से साइबर अपराधियों ने चिरकुंडा के उद्योगपति को लगाया 1.48 लाख का चूना

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झारखंड के चिरकुंडा में एक कारोबारी को साइबर अपराधियों ने फर्जी फेसबुक और व्हाट्सएप प्रोफाइल के जरिए 1 लाख 48 हजार 500 रुपये का चूना लगा दिया। अपराधियों ने रामगढ़ के डीसी चंदन कुमार की फर्जी आईडी बनाकर व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा और खुद को सीआरपीएफ अधिकारी बताया। इसके बाद उन्होंने पीड़ित से फर्नीचर बेचने के नाम पर पैसे ठग लिए।

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  1. कॉल पर फर्नीचर बिकवाने की कही गई थी बात
  2. एनईएफटी के माध्यम से कारोबारी ने भिजवाए पैसे

जागरण संवाददाता, चिरकुंडा (धनबाद)। धनबाद के चिरकुंडा निवासी विनोद हार्ड कोक के मालिक सतीश कुमार अग्रवाल से साइबर अपराधियों ने शनिवार को एक लाख 48 हजार 500 रुपये ठग लिए। भुक्तभोगी ने संबंधित बैंक, नेशनल साइबर सेल व निरसा पुलिस को घटना की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रामगढ़ डीसी चंदन कुमार के फेक आइडी से फेसबुक व वाट्सएप से मैसेज आया। कहा गया कि उनके एक परिचित सीआरपीएफ में अधिकारी हैं। उनका स्थानांतरण हो गया है। उन्हें कुछ काम है, जिसे कर दीजिए। कुछ ही देर बाद मोबाइल नंबर 7005831247 से कॉल आया।

ट्रू कालर में यह सतीश कुमार सीआरपीएफ आफिसर के नाम से दिख रहा था। भुक्तभोगी अग्रवाल के वाट्सएप पर मैसेज आया कि सतीश कुमार का स्थानांतरण जम्मू हो गया है। रांची आवास का फर्नीचर बिकवा दें। थोड़ी देर में ही फर्नीचर की तस्वीर भी भेज दी गई।

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इसके बाद हार्डकोक मालिक अग्रवाल ने मुगमा के एक फर्नीचर व्यवसायी से बात की तो उन्होंने कहा कि पहले फर्नीचर मिलेगा, उसके बाद पैसे का भुगतान करेंगे। इस दौरान पुनः मैसेज आया कि तत्काल एक लाख एक हजार रुपये भेज दें।

झांसे में आकर कारोबारी ने डाल दिए पैसे

इसके बाद हार्डकोक मालिक झांसे में आ गए और उन्होंने कुमारधुबी स्थित इंडियन बैंक से कृष्णा इंटरनेशनल फर्म से फर्जी सीआरपीएफ आफिसर के बताए हुए एकाउंट में एक लाख एक हजार रुपये एनईएफटी के माध्यम से भिजवा दिए।

थोड़ी देर बाद पुनः मैसेज आया कि 47 हजार 500 रुपये और भेज दीजिए। एकाउंट में पैसे नहीं रहने के बावजूद उन्होंने फोन पे के माध्यम से राशि भेज दी। हार्डकोक मालिक ने जब डीसी चंदन कुमार से इस संबंध में बात की तो मामले का खुलासा हुआ।

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उन्होंने कहा कि जिस फेसबुक व वाट्सएप का उपयोग किया गया है, वह फर्जी है। उसके बाद भुक्तभोगी ने पुलिस, बैंक, नेशनल साइबर सेल को लिखित रूप से घटना की जानकारी दी।

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