हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में मनाली की 20 वर्षीय अनुभवी पर्वतारोही पलक ठाकुर (Palak Thakur) ने लद्दाख की 6100 मीटर ऊंची कियागर चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी कर ली है। बर्फ और धुंध से भरे चुनौतीपूर्ण रास्ते में पलक ने दृढ़ता और साहस का परिचय दिया। इस अभियान ने उन्हें माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के सपने के करीब ला दिया है।
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जागरण संवाददाता, मनाली। ‘जुनून सिर पर सवार हो तो जीत का सेहरा बंध ही जाता है और लक्ष्य बड़ा हो तो साहस भी बड़ा ही दिखाना पड़ता है…’ मनाली की अनुभवी पर्वतारोही 20 वर्षीय पलक ठाकुर ने भी ऐसे ही साहस, अनुभव व जोश का मिश्रण दिखाते हुए चोटी पर चढ़ाई कर ही दम लिया।
लद्दाख की 6100 मीटर ऊंची कियागर चोटी को फतह करने के लिए उन्होंने पलक तक नहीं झपकी और मंजिल का सफलता से मिलन करवाया। पलक 17 से 21 सितंबर तक चले व्हाइट एक्सपीडिशन में शामिल हुई। अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि लद्दाख की 6100 मीटर ऊंची कियागर चोटी की कठिन और चुनौतीपूर्ण चढ़ाई में बर्फ और धुंध के कारण बार-बार सफेद घना कोहरा छा गया, जिससे कठिनाई हुई और आक्सीजन का स्तर भी कम था।
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इसके बावजूद दृढ़ता और साहस से कठिन यात्रा को पूरा करने में सफलता पाई। इस सफर का सबसे पुरस्कृत हिस्सा था कियागर की चोटी से चारों ओर फैले पर्वतों, झीलों और ग्लेशियरों का अद्भुत 360 डिग्री दृश्य। यह एक ऐसा अनुभव था, जिसने उनकी यात्रा को यादगार बना दिया।
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फोटो सोर्स: मनाली ठाकुर, इंस्टाग्राम हैंडल
पलक ने बताया कि साहसिक अभियान उनके जीवन के सबसे बड़े सपने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। पलक की माता रानू देवी व पिता प्यारे लाल ने कहा कि उन्हें बेटी पर गर्व है। बेटी का सपना माउंट एवरेस्ट को फतह करना है। उधर, पलक की उपलब्धि से मनाली में खुशी का माहौल है। पलक अभी स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा है।
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फोटो सोर्स: मनाली ठाकुर, इंस्टाग्राम हैंडल
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उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण के कई पाठ्यक्रम पूरे किए हैं, जिनमें पर्वतारोहण और स्कीइंग के लिए उन्नत प्रशिक्षण (एडवांस्ड मेथड आफ इंस्ट्रक्शन) शामिल हैं। उन्होंने ए. एक्स ग्रेड, जो इस क्षेत्र का सर्वोच्च स्तर है, प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु का पुरस्कार भी मिल चुका है, जो उनकी प्रतिबद्धता और कौशल का प्रमाण है।