All for Joomla All for Webmasters
शेयर बाजार

1 अक्टूबर से बदल जाएगा F&O से जुड़ा यह खास नियम, जानिए निवेशकों पर क्या होगा असर

सरकार और मार्केट रेगुलेटर्स का मानना है कि FO सट्टेबाजी है और इसमें रिटेल इन्वेस्टर्स काफी ज्यादा पैसे गंवाते हैं। यही वजह है कि सरकार लगातार FO सेगमेंट से रिटेल इन्वेस्टर्स को दूर करने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में बजट 2024 में STT बढ़ाने का एलान किया गया था जो 1 अक्टूबर से लागू होगा। आइए जानते हैं कि पूरी डिटेल।

ये भी पढ़ें:– क्‍या आपको भी महंगा मिल रहा प्‍याज? सरकार ने फिर खोल दी अपनी दुकान, सस्‍ता चाहिए तो यहीं से खरीदें

  1. F&O ट्रेडिंग में 10 में से 9 इन्वेस्टर्स पैसे गंवाते हैं।
  2. सरकार इससे रिटेल इन्वेस्टर्स को दूर रखना चाहती है।
  3. STT बढ़ने से अब ट्रेडिंग ज्यादा महंगी हो जाएगी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगले महीने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग करने वालों को झटका लगने वाला है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में F&O ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ाने का एलान किया था। अब यह 1 अक्टूबर से लागू होने वाला है।

ये भी पढ़ें:– दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी पहली 20 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन, जानिए टाइमिंग, डेट, किराया सहित पूरी डिटेल

STT क्या होती है?

किसी सिक्योरिटीज को खरीदने या बेचने पर लगाया जाने वाला टैक्स सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) होता है। इसमें इक्विटी शेयर के साथ फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस भी शामिल हैं। स्टॉक एक्सचेंज हर ट्रांजैक्शन के वक्त इस टैक्स को वसूलते हैं और सरकार के पास जमा कर देते हैं।

STT क्यों बढ़ा रही सरकार

मार्केट रेगुलेटर सेबी और सरकार डेरिवेटिव मार्केट से रिटेल इन्वेस्टर्स को दूर करना चाहते हैं। सेबी की स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि F&O ट्रेडिंग करने वाले 10 में 9 निवेशक अपना पैसा गंवाते हैं। सरकार इसे सट्टाबाजारी भी मानती है। यही वजह है कि STT बढ़ाई जा रही है, ताकि खुदरा निवेशकों के इसे मुश्किल बनाया जा सके।

ये भी पढ़ें:– Netflix की बढ़ी मुश्किलें, भारत में जांच के दायरे में OTT प्लेटफॉर्म, वीजा उल्लंघन, टैक्स चोरी और नस्लीय भेदभाव के आरोप

कितना बढ़ने वाला है चार्ज

1 अक्टूबर से ऑप्शंस की बिक्री पर STT को प्रीमियम के 0.0625 फीसदी से बढ़कर 0.1 फीसदी कर दिया जाएगा। इसका मतलब कि अगर आप 100 रुपये के प्रीमियम वाला कोई ऑप्शंस बेचते हैं, तो एसटीटी अब 0.0625 रुपये के बजाय 0.10 रुपये होगा। वहीं, फ्यूचर्स की बिक्री पर एसटीटी अब ट्रेडिंग प्राइस के 0.0125 फीसदी से बढ़कर 0.02 फीसदी हो जाएगा। यानी आप 1 लाख रुपये का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट बेचेंगे, तो STT अब 12.50 रुपये की जगह 20 रुपये लगेगा।

ये भी पढ़ें:– घरों की बिक्री में आई 18 फीसदी की गिरावट, क्या प्रॉपर्टी बाजार में मंदी की आहट?

ट्रेडर्स पर क्या होगा असर

इस बदलाव से सबसे अधिक प्रभावित वे लोग होंगे, जो काफी ज्यादा ट्रेडिंग करते हैं या फिर छोटे मार्जिन पर सट्टा लगाते हैं। दरअसल, STT बढ़ने से अब हर ट्रांजैक्शन पहले के मुकाबले ज्यादा महंगा हो जाएगा। इससे लोग शायद बार-बार करने से थोड़ा परहेज करें। यह बदलाव खासतौर पर ऑप्शंस सेगमेंट में ज्यादा असर डाल सकता है, जहां प्रीमियम पहले से ही काफी ज्यादा है।

बड़े संस्थानों पर भी इसका असर होगा, लेकिन वे अपनी मोटी जेब और लंबी अवधि के ट्रेडिंग स्ट्रैटजी के चलते बढ़ोतरी को आसानी से झेल सकते हैं। हालांकि, उनकी भी ट्रेड करने की लागत बढ़ जाएगी।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top