झारखंड विधान सभा चुनाव से पहले हजारीबाग में कांग्रेस पार्टी में उम्मीदवारों के चयन को लेकर खींचतान शुरू हो गई है खासकर हजारीबाग सदर विधान सभा क्षेत्र से। पूर्व विधायक सौरभ नारायण सिंह के बयान ने पार्टी में घमासान को हवा दे दी है जिसमें उन्होंने कुश्वाहा समुदाय से उम्मीदवार को टिकट देने की वकालत की। अब इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है।
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- हजारीबाग सीट पर कांग्रेस पार्टी की खींच-तान शुरू हो गई है
- कुशवाहा को टिकट देने के मुद्दे पर कांग्रेस के बीच घमासान छिड़ गया है
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। आसन्न आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के चयन को लेकर ऐसे तो सभी दलों में रायशुमारी और दलगत सर्वेक्षण की कवायद चल रही है। इस क्रम में संभावित उम्मीदवारों द्वारा पार्टी नेतृत्व को आकर्षित करने के लिए सामाजिक सक्रियता भी बढ़ गई है।
साथ ही साथ दलों के संभावित उम्मीदवारों के बीच आपसी खींचतान भी देखने सुनने को मिल रही है। इस बीच अगर हम कांग्रेस पार्टी की बात करें तो हजारीबाग सदर विधान सभा क्षेत्र से उम्मीदवारी को लेकर भी पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के बीच खींचतान शुरू हो गई है।
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इसकी बानगी पिछले दिनों हजारीबाग पहुंचे पार्टी प्रभारी व कन्वेनर के कार्यक्रम के दौरान भी दिखाई दी। इधर लंबे अंतराल के बाद हजारीबाग पहुंचे पूर्व विधायक सौरभ नारायण सिंह के आगमन से चुनावी चर्चा को और गति मिली।
कुशवाहा को टिकट देने के मुद्दे पर छिड़ा घमासान
इन सब के बीच हजारीबाग में उनके हालिया बयान जिसमें उन्होंने हजारीबाग सदर विधान सभा से किसी कुशवाहा को टिकट देने की वकालत की थी, ने पार्टी में घमासान को हवा दे दी। इस बयान के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। सभी का कहना था कि यह बयान उनकी निजी राय हो सकती है मगर ऐसा बयान पार्टी की सोच के विपरीत है और पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की प्रतिक्रिया
वरिष्ठ कांग्रेसी और सदर प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष शशि मोहन सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक का बयान कांग्रेस पार्टी की सोच के विपरीत है। सच कहें तो यह बयान पार्टी को कमजोर करने और बांटने वाला है। वैसे भी पूर्व विधायक की पिछले दो विधानसभा चुनावों में उनकी जो भूमिका थी उससे सभी लोग भलीभांति परिचित हैं।
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ऐसा लगता है कि उस भूमिका को वह पुन: दुहरा रहे हैं। वास्तव में कांग्रेस पार्टी जाति धर्म से उपर उठकर व्यक्तित्व के आधार पर पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए सच्चे कार्यकर्ताओं को ही अपना उम्मीदवार बनाती है।
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष विजय यादव ने दी प्रतिक्रिया
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी और पूर्व जिलाध्यक्ष विजय यादव ने कहा कि सौरभ नारायण सिंह को जब यहां से जीत मिली थी तो वह किसी जाति धर्म के आधार पर नहीं मिली थी बल्कि सभी कांग्रेसजनों ने उन्हें जिताया था।
वहीं, दो बार के विधायक रहे मनीष जायसवाल जी भी उस जाति विशेष से संबंध नहीं रखते हैं, जिनके बारे में यह बयान सामने आया हैं। चुनाव में जो सक्षम और जमीन से जुडा होता है वहीं जीत हासिल करता है चाहे किसी भी जाति व धर्म से संबंध रखता हो। विगत लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी उसकी जाति का था मगर नतीजा सामने है।
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पूर्व जिलाध्यक्ष रहे वरिष्ठ कांग्रेसी अवधेश सिंह ने कहा कि पूर्व के चुनाव में पार्टी ने जाति विशेष को ही टिकट दिया था मगर परिणाम सामने है।
वास्तव में पूर्व विधायक को भी जो जीत मिली थी वह किसी जाति विशेष के कारण नहीं बल्कि कांग्रेसियों के कारण मिली थी। जनता किसी जाति को नहीं बल्कि कांग्रेस को वोट देगी। वैसे भी पांच विधानसभाओं में हजारीबाग सदर क्षेत्र ही है सामान्य वर्ग को टिकट मिलना चाहिए।