भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग 2024 में 50 मिलियन निवेशकों की संख्या को पार करने के लिए तैयार है. असेट्स अंडर मैनेजमेंट 66.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है, और SIP में निरंतर वृद्धि से बाजार में स्थिरता बनी हुई है.
भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. 2024 में, यह 50 मिलियन निवेशकों की संख्या को पार करने के लिए तैयार है. यह म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी है.
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असेट्स अंडर मैनेजमेंट
देश में म्यूचुअल फंड का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बढ़कर 66.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह दिखाता है कि लोग म्यूचुअल फंड में अधिक पैसा लगा रहे हैं.
इक्विटी बाजार की भूमिका
इक्विटी बाजार में बढ़ोतरी और नए फंड ऑफरिंग (NFO) के कारण म्यूचुअल फंड की मांग बढ़ी है. विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक निवेशकों की संख्या 100 मिलियन तक पहुंच सकती है. इस दौरान एयूएम 100 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.
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अगस्त का डेटा
अगस्त 2023 में, म्यूचुअल फंड का शुद्ध एयूएम पहली बार 65 लाख करोड़ रुपये के पार गया. इस महीने, इक्विटी फंडों में 38,239 करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ. यह जुलाई में देखे गए 37,113 करोड़ रुपये से 3.03 प्रतिशत अधिक है.
SIP की वृद्धि
व्यवस्थित निवेश योजनाएं (SIP) नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. अगस्त में SIP के माध्यम से मासिक योगदान 23,547 करोड़ रुपये था, जो पिछले महीने के 23,332 करोड़ रुपये से बढ़ा है. यह निवेशकों के लिए एक अच्छा तरीका है.
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छोटे शहरों में निवेश
भारत के छोटे शहरों में भी म्यूचुअल फंड को अपनाने की गति बढ़ रही है. पिछले चार वर्षों में, शीर्ष 15 शहरों के निवेशकों की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है.
मुंबई और दिल्ली की स्थिति
मुंबई और दिल्ली ने जून 2024 तक 39 प्रतिशत निवेशकों के साथ अपनी स्थिति बनाए रखी है. अन्य शहरों ने भी मार्च 2021 से लगातार 30 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का योगदान किया है.
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दीर्घकालिक लाभ
विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए SIP एक बड़ा स्रोत है. यह बाजार में स्थिरता बनाए रखता है. हर महीने SIP में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. यह दीर्घकालिक निवेश के लिए फायदेमंद है.
गौरतलब है कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है. यह निवेशकों के लिए कई अवसर प्रदान कर रहा है. अधिक लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, जो आर्थिक विकास में मदद करेगा.