मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि उनकी यात्रा की डेट अभी फाइनल नहीं हुई है. इस बीच चीन के पिट्ठू माने जाने वाले मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ के किसी भी एजेंडे से इनकार किया है.
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माले. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अब होश ठिकाने आते दिख रहे हैं. लगता है कि उन्हें भी यह बात समझ आ गई कि भारत के बिना उनके देश का काम नहीं चल सकता. यही वजह है कि वह जल्द ही दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए खासे बेताब हैं. मुइज्जू पहले सितंबर में ही भारत आना चाहते थे, लेकिन तारीखों को लेकर पेच फंस गया. अब खबर है कि वह अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में भारत आकर पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि उनकी यात्रा की डेट अभी फाइनल नहीं हुई है. इस बीच चीन के पिट्ठू माने जाने वाले मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ के किसी भी एजेंडे से इनकार किया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे मुइज्जू ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज’ में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. मालदीव के समाचार पोर्टल ‘अधाधू डॉट कॉम’ ने उनके हवाले से कहा, ‘हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे. यह भारत को बाहर करना (इंडिया आउट) नहीं है. मालदीव के लोगों को अपने देश में विदेशी सेना की उपस्थिति से एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था.’ मुइज्जू ने कहा, ‘मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे.’
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9 जून को भारत आए थे मुइज्जू
चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने इससे पहले 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली की यात्रा की थी. मुइज्जू ने अपने वतन लौटने के बाद इस पहली भारत यात्रा को मालदीव के लिए सफलता बताया था और कहा था कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी.
भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था. मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह देश द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले. भारत ने 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया और उनकी जगह डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया.
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मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने के लिए उपमंत्रियों के खिलाफ एक्शन लिया था. खबर में उनके हवाले से कहा गया है, ‘किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की है. मैं किसी का भी इस तरह अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति. हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है.’
इस साल की शुरुआत में मालदीव के युवा मंत्रालय के उप मंत्रियों को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने की वजह से निलंबित कर दिया गया था. नई दिल्ली ने माले के सामने इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया था.
पीएम मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उनके पोस्ट को लेकर मालदीव के उपमंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना की थी. उनकी राय में, यह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में पेश करने की एक कोशिश थी. (भाषा इनपुट के साथ)