All for Joomla All for Webmasters
समाचार

वसुंधरा राजे बनेंगी BJP की राष्ट्रीय अध्यक्ष? पद-मद-कद को लेकर दिया बड़ा बयान, मोदी-शाह चलेंगे ‘मामा’ वाला दांव!

Bhartiya Janta Party New President: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है. चाहे किसी राज्य में सीएम का चयन हो या फिर पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी हो, इन सबमें पार्टी आलाकमान ने कई बार मास्टरस्ट्रोक खेलकर विपक्ष को पटखनी दी है. एक बार फिर बीजेपी बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान इस बार राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है. चर्चा है कि जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है.

कुछ सूत्रों का ये भी कहना है कि वसुंधरा राजे के अलावा संघ की तरफ से संजय जोशी का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए रखा गया था. इन सबके अलावा ये भी चर्चा है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, संघ भी वसुंधरा राजे के नाम को सबसे बेहतर मान रहा है. अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है, लेकिन वसुंधरा राजे को सोशल मीडिया पर अभी से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की अग्रिम बधाइयां मिलने लगी हैं.

ये भी पढ़ें:– हलचल तेज है..! अब तो मौलाना ने भी कह दिया- सिर्फ PoK नहीं, पाक..अफगान सब भारत के हैं

वसुंधरा राजे क्यों हैं रेस में सबसे आगे

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए वसुंधरा राजे का नाम यूं ही सबसे आगे नहीं है. दरअसल, वसुंधरा आरएसएस की कीरीबी बताई जाती हैं. सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे का नाम RSS ने ही आगे किया है. इसके अलावा RSS ने जो दूसरा नाम आगे किया है, वो संजय जोशी का है, लेकिन इस नाम पर पीएम मोदी, अमित शाह और पार्टी के कुछ दूसरे सीनियर नेता सहमत नहीं दिख रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और संजय जोशी के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. इनके बीच रिश्तों में खटास कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 2012 में यूपी के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सिर्फ इसलिए प्रचार करने नहीं गए थे, क्योंकि वहां के संयोजक संजय जोशी थे. ऐसे में वसुंधरा ही फ्रंट रनर दिख रही हैं.

ये भी पढ़ें:– Today Weather Update: तबाही मचा कर लौट रहा मानसून, महाराष्ट्र में लोगों का बुरा हाल, UP-बिहार में जमकर बारिश, दिल्ली-NCR का जानें हाल

कहां आ सकती है अड़चन

एक्सपर्ट कहते हैं कि बेशक वसुंधरा राजे का नाम आरएसएस ने आगे किया है और वह उन्हें अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त मान रही है, लेकिन वसुंधरा की सबसे बड़ी अड़चन उनका पीएम मोदी और अमित शाह से अनबन है और इस वजह से खेल बिगड़ भी सकता है. वसुंधरा राजे के इन दोनों से कभी अच्छे रिश्ते नहीं रहे. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वसुंधरा का नाम सीएम रेस में सबसे आगे था, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया. यही नहीं पार्टी की जीत का क्रेडिट जब पीएम मोदी को दिया जाने लगा तो वसुंधरा राजे ने कहा कि जीत में केवल एक व्यक्ति का हाथ नहीं है. साल 2018 में भी अमित शाह और वसुंधरा राजे के बीच टकराहट की बात सामने आई थी. तब चर्चा थी कि भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में भाजपा का मुखिया बनाना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा ने मोर्चा खोल दिया था, जिस वजह से अमित शाह कुछ नहीं कर पाए.

ये भी पढ़ें:– MUDA स्कैम में कर्नाटक CM सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ीं, पत्नी समेत दर्ज हुई FIR

इस बयान से भी मिल रहा संकेत

हाल ही में जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में मदन राठौड़ ने भाजपा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. इस अवसर पर वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं. वसुंधरा राजे ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति का दूसरा नाम उतार चढ़ाव है. हर व्यक्ति इसी दौर से गुजरता है. ऐसे हर व्यक्ति को तीन चीजें ध्यान में रखनी चाहिए- पद, मद और कद. इन पर सबको ध्यान देने की जरूरत है. पद और मद स्थाई नहीं हैं. तीनों में सिर्फ एक चीज स्थाई है, और वह है कद. जो अच्छा काम करते हैं, लोग आपको याद करते हैं और कद हमेशा बना रहता है. उन्होंने कहा कि पद का मद होने से कद भी कम हो जाता है. आज के दौर में ऐसा होता रहता है. हालांकि, ये बातें उन्होंने राजस्थान के नए बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए कहीं, लेकिन इससे इशारा दूर तक का मिल रहा है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top