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जम्मू और कश्मीर

J&K Election 2024: तीसरा चरण ही तय करेगा जम्मू-कश्मीर में किसकी बनेगी सरकार, 40 सीटों पर डाले जाएंगे वोट

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election) के तीसरे और अंतिम चरण के लिए मंगलवार को मतदान होना है। इस चरण में 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण पर भाजपा-कांग्रेस का भविष्य टिका है। जम्मू संभाग की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है। भाजपा कांग्रेस सहित सभी दलों ने ये सीटें जीतने के लिए ताकत लगाई है।

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  1. अंतिम चरण की 40 सीटों पर चुनाव प्रचार खत्म।
  2. भाजपा, कांग्रेस सहित सभी दलों ने जीत के लिए लगाई ताकत।
  3. जम्मू संभाग की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में टक्कर।
  4. कश्मीर की अधिकतर सीटों पर त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबला।

रोहित जंडियाल, जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं अंतिम चरण के चुनाव प्रचार का शोर रविवार शाम को थम गया। इस चरण में 40 विधानसभा सीटों पर मतदान एक अक्टूबर को है। सभी पार्टियों की नजर इस चरण के मतदान पर टिकी हैं क्योंकि इन सीटों का परिणाम ही तय करेगा कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

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इसी चरण पर टिका है भाजपा-कांग्रेस का भविष्य

जम्मू संभाग की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है, कुछ जगह ही नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) है, किंतु कश्मीर की अधिकतर सीटों पर त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबला है। दिलचस्प यह भी है कि प्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस दोनों का भविष्य इसी चरण पर टिका है।

इसी कारण इन दोनों दलों ने इन सीटों पर प्रचार में पूरा दम दिया। भाजपा के दिग्गज नेता समेत गृह मंत्री और प्रधानमंत्री ने भी चुनावी रैलियां कीं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने पूरे चुनाव में जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा की वह भी इसी चरण में। राहुल गांधी की भी रैलियां थीं और कांग्रेस अध्यक्ष भी आए।

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प्रदेश में 90 सीटों पर हो रहा चुनाव

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 114 सीटें हैं, जिनमें से 90 सीटों पर चुनाव हो रहा है। 24 सीटें गुलाम जम्मू-कश्मीर के लिए खाली रखी गई हैं। पहले के दो चरणों में 50 सीटों पर मतदान हो चुका है। मंगलवार को जिन 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, उनमें 24 सीटें जम्मू संभाग के चार जिलों जम्मू, सांबा, ऊधमपुर और कठुआ में हैं।

ये चारों जिले हिंदू बाहूल्य हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में इन जिलों में 20 सीटें थीं, जिनमें से भाजपा 18 पर जीती थी। दो सीटें नेकां को मिली थीं। कांग्रेस का इन जिलों में खाता भी नहीं खुला था। परिसीमन में इन जिलों में चार नई सीटें बन गईं। वहीं, उत्तरी कश्मीर के तीन जिलों बांडीपोरा, बारामुला और कुपवाड़ा जिले की 16 सीटों पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में ये जिले पीडीपी और नेकां के लिए उर्वर रहे थे।

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भाजपा के लिए जम्मू का किला बचाए रखना चुनौती

वर्ष 2014 में जम्मू जिले की दस में से आठ सीटें जीत कर भाजपा ने रिकॉर्ड बना दिया था। परिसीमन के बाद अब इस जिले की 11 सीटें हो गई हैं।

  • जम्मू पूर्व से नौ उम्मीदवार हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री योगेश साहनी तो भाजपा ने युद्धवीर सेठी को उतारा है। वर्ष 2014 में भाजपा के राजेश गुप्ता यहां से जीते थे।
  • जम्मू नार्थ से 17 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्य मुकाबला दो पूर्व मंत्रियों के बीच है। भाजपा ने पूर्व मंत्री शाम लाल शर्मा और नेकां ने पूर्व मंत्री अजय सडोत्रा को टिकट दिया। यहां नेकां के समर्थन में कांग्रेस है।
  • जम्मू पश्चिम में 12 उम्मीदवारों में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। भाजपा के अरविंद गुप्ता तो कांग्रेस के मनमोहन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से गुलाम नबी आजाद की डीपीएपी के गौरव चोपड़ा भी मैदान में हैं। वह पूर्व पार्षद हैं। वर्ष 2014 में भाजपा के सत शर्मा यहां से जीते थे।
  • आरएसपुरा-जम्मू दक्षिण सीट सबसे अधिक चर्चा में है। यहां 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला और भाजपा के डा. नरेंद्र सिंह रैना के बीच ही टक्कर है। यह सीट सबसे अधिक हाट सीटों में से एक है। परिसीमन में गांधीनगर और आरएसपुरा सीट के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर यह सीट बनाई गई थी।
  • परिसीमन में नई बनी बाहु सीट पर भी मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। 12 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन भाजपा के विक्रम रंधावा और कांग्रेस के तरणजीत सिंह टोनी आमने-सामने हैं। विक्रम रंधावा पूर्व एमएलसी हैं और तरणजीत जिला विकास परिषद के सदस्य हैं। इस सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
  • दरिया चिनाब के किनारे बसे अखनूर की सीट इस बार आरक्षित हो गई है। इस पर दो पूर्व नौकरशाह आमने-सामने हैं। भाजपा के मोहनलाल का मुकाबला कांग्रेस के अशोक कुमार से हैं। 12 में से आठ बार यह सीट कांग्रेस ने जीती है, लेकिन वर्ष 2014 में भाजपा के राजीव शर्मा ने कांग्रेस के दिग्गज शाम लाल शर्मा को हरा दिया था। शाम लाल अब भाजपा में हैं।
  • बिश्नाह सीट पर भाजपा पहली जीत के लिए संघर्ष में है। नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के राजीव कुमार और कांग्रेस के युवा उम्मीदवार नीरज कुंदन के बीच है। एक दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के यहां चुनाव प्रचार करने पहुंची थी। पेशे से डाक्टर राजीव कुमार नौकरी छोड़कर भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि नीरज कुंदन एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
  • मुकाबला रोचक है। वर्ष 2014 के चुनावों में नेकां के कमल अरोड़ा जीते थे। इस बार वह कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।
  • छंब सीट पर आठ उम्मीदवार हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार खड़े होने से मुकाबला रोचक हो गया है। कांग्रेस ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक राजीव कुमार को टिकट दी है। टिकट ने मिलने से कांग्रेस से बागी होकर पूर्व सांसद मदन लाल के बेटे सतीश शर्मा और भाजपा से बागी होकर नरेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। मुकाबला बहुकोणीय है।
  • जम्मू की मढ़ सीट से छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री मूला राम को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया है। पुलिस की नौकरी से सेवानिवृत्ति लेकर आए मोहन लाल कैथ निर्दलीय उम्मीदवार हैं और उन्होंने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया। वर्ष 2014 में यहां से भाजपा के सुखनंदन चौधरी चुनाव जीते थे।
  • नगरोटा विधानसभा से आठ उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भी त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस और नेकां गठबंधन होने के बावजूद दोस्ताना मुकाबले में है। यहां से भाजपा ने नेकां छोड़ पार्टी में आए पूर्व विधायक देवेंद्र राणा को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने बलबीर सिंह और नेकां जोगेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। 2014 में देवेंद्र राणा जीते थे, तब वह नेकां में थे।
  • सुचेतगढ़ सीट पर 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है, लेकिन यहां पर भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। इस सीट पर कांग्रेस के भूषण लाल का मुकाबला पूर्व विधायक भाजपा के गारू राम से है। वर्ष 2014 में यह सीट भाजपा ने जीती थी।

सांबा की तीनों सीटों पर अग्निपरीक्षा परीक्षा

  • सांबा सीट पर 14 उम्मीदवार है। यहां भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सुरजीत सलाथिया, कांग्रेस के कृष्ण देव सिंह के बीच मुकाबले को निर्दलीय रविंद्र सिंह त्रिकोणीय बनाया है। सलाथिया पहले नेकां में थे। वर्ष 2014 में यहां से भाजपा जीती थी।
  • विजयपुर सीट पर 11 उम्मीदवारों में मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा और नेकां के राजेश कुमार पडगोत्रा के बीच है। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने पूर्व मंत्री मंजीत सिंह को उतारा है। वर्ष 2014 में यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
  • रामगढ़ से सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला दो पूर्व मंत्रियों के बीच है। पैंथर्स पार्टी छोड़कर आए पूर्व मंत्री यशपाल कुंडल कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तो भाजपा से पूर्व मंत्री डा. देवेंद्र मन्याल उतरे हैं। परिसीमन में यह नई सीट बनी है।

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उधमपुर में हर सीट पर रोचक मुकाबला

उधमपुर पूर्व से नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में है, लेकिन मुख्य मुकाबला चार उम्मीदवारों में रहा। भाजपा ने रामनगर के पूर्व विधायक आरएस पठानिया को टिकट दिया है। इससे नाराज पवन खजूरिया निर्दलीय ही उतर पड़े। इस सीट पर पैंथर्स पार्टी के बलवान सिंह और नेकां के सुनील वर्मा भी हैं।

  • उधमपुर पश्चिम से 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने पूर्व मंत्री पवन गुप्ता को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने युवा उम्मीदवार सुमित मगोत्रा को उम्मीदवार बनाया है। निर्दलीय जसवीर सिंह भी मैदान में हैं।
  • चिनैनी से नौ प्रत्याशियों में मुख्य मुकाबला पैंथर्स पार्टी और भाजपा में है। भाजपा ने यहां से पैंथर्स पार्टी छोड़कर आए बलवतं मनकोटिया को उम्मीदवार बनाया है तो जेएंडके नेशनल पैंथर्स पार्टी (इंडिया) ने पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दोनों रिश्ते में भाई हैं। वर्ष 2014 में इस सीट से भाजपा जीती थी। हर्ष देव को कांग्रेस-नेकां गठबंधन ने भी अपना समर्थन दिया है।
  • रामनगर सीट में सात उम्मीदवार उतरे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा, पैंथर्स पार्टी और कांग्रेस के बीच है। भाजपा ने सुनील भारद्वाज, कांग्रेस ने भाजपा छोड़ पार्टी में आए जिला विकास परिषद के सदस्य मूल राज को टिकट दिया है। जेएंडके नेशनल पैंथर्स पार्टी (इंडिया) ने अशरी देवी को टिकट दी है। रामनगर सीट से पहली बार कोई महिला चुनाव लड़ रही है। वर्ष 2014 में भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की थी।
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