टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने टेलीकॉम ग्राहकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। ट्राई ने अनचाहे और स्पैम वाले वेब लिंक को ब्लॉक करने का फैसला लिया है। ट्राई ने एक ऐसा इंतजाम कर दिया है कि मैसेज में आने वाले वेब लिंक अपने आप ब्लॉक हो जाएंगे। ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश देते हुए कहा है कि SMS में भेजे जाने वाले OTT लिंक और APKs लिंक के अलावा सभी तरह के संदिग्ध लिंक को ऑटोमैटिक तौर पर ब्लॉक किया जाए।
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वैसे तो TRAI ने यह आदेश 20 अगस्त को ही पारित किया था जिसमें कहा गया था कि टेलीकॉम कंपनियां उन सभी मैसेज को ब्लॉक करें जिनमें गैर-सत्यापित लिंक्स हैं या फिर APKs लिंक हैं, लेकिन अब इस आदेश को लागू किया जा रहा है।
इस नियम का पालन करने के लिए पंजीकृत एसएमएस भेजने वालों को अपने लिंक संबंधित प्रदाता पोर्टल्स पर व्हाइटलिस्ट करना अनिवार्य है। अब तक 3,000 से अधिक पंजीकृत भेजने वालों ने 70,000 से अधिक लिंक व्हाइटलिस्ट किए हैं। जो भेजने वाले 1 अक्टूबर 2024 (अंतिम तिथि) से पहले अपने लिंक व्हाइटलिस्ट नहीं करेंगे, वे URL वाले संदेश नहीं भेज पाएंगे।
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TRAI ने उन व्यवसायों और संस्थाओं को, जो एसएमएस मार्केटिंग या संचार पर निर्भर हैं, तुरंत अपने URL को व्हाइटलिस्ट करने की सलाह दी है ताकि सेवाओं में रुकावट से बचा जा सके। इस कदम से एसएमएस के प्रति उपयोगकर्ता का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है, खासकर बैंकिंग और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में।