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दुनिया

ईरान को किससे आजादी दिलाएंगे नेतन्याहू? अमेरिका ने बढ़ाई फौज, पश्चिम एशिया में क्या होने वाला है

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने अब ईरान के लोगों को अपना संदेश दिया है और ईरान को आजाद करने की बात कही है. इस बीच अमेरिका पश्चिम एशिया में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘कुछ हजार’ अतिरिक्त सैनिक भेज रहा है.

लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने अब ईरान के लोगों को अपना संदेश दिया है. ईरान के लोगों को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश जारी किया है और ईरान के लोगों से कहा है कि इजराइल उनके साथ खड़ा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान बहुत जल्द आजाद होगा. इससे बाद सवाल उठने लगा है कि क्या इजरायल अब ईरान में किसी एक्शन की तैयारी में हैं, क्योंकि लेबनान में हवाई हमलों की शुरुआत में भी उन्होंने ऐसा ही संदेश दिया था.

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लेबनान और गाजा पर पैसा बर्बाद कर रहे ईरानी शासक: नेतन्याहू

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की जनता को संबोधित करते हुए ईरान के शासक की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘ईरान का शासन आपको दबा रहा है. ऐसा करके इस पूरे क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेलने की कोशिश की जा रही है. ईरान के शासक का प्राथमिक उद्देश्य जनता का कल्याण नहीं, बल्कि लेबनान और गाजा में युद्ध में पैसा बर्बाद करना है. आप एक पल के लिए सोच कर देखिए कि अगर युद्ध में लगाए जा रहे पैसों का इस्तेमाल सामाजिक कल्याण के कार्यों में किया जाए, तो कितना बेहतर रहेगा.’

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जब ईरान आखिरकार आजाद हो जाएगा: नेतन्याहू

इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने आगे दावा किया, ‘जब ईरान आखिरकार स्वतंत्र हो जाएगा और वह क्षण लोगों की सोच से बहुत पहले आ जाएगा. तो सब कुछ अलग होगा. हमारे दो प्राचीन लोग (यहूदी और फारसी) आखिरकार शांति से रहेंगे. हमारे दो देश इजराइल और ईरान शांति से रहेंगे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हर दिन, आप एक शासन को देखते हैं जो आपको अधीन करता है. लेबनान की रक्षा करने, गाजा की रक्षा करने के बारे में उग्र भाषण देता है. फिर भी हर दिन, वह शासन हमारे क्षेत्र को अंधकार और युद्ध में और अधिक गहरा कर देता है. अधिकांश ईरानी जानते हैं कि उनके शासन को उनकी जरा भी परवाह नहीं है.’

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ईरानी शासन को आपकी परवाह नहीं: नेतन्याहू

नेतन्याहू ने आगे कहा, ‘अगर उसे परवाह होती, अगर उसे आपकी परवाह होती तो वह मध्य पूर्व में निरर्थक युद्धों पर अरबों डॉलर बर्बाद करना बंद कर देता. यह आपके जीवन को बेहतर बनाना शुरू कर देता. कल्पना कीजिए कि अगर शासन ने परमाणु हथियारों और विदेशी युद्धों पर जो बहुत सारा पैसा बर्बाद किया, उसे आपके बच्चों की शिक्षा, आपकी स्वास्थ्य सेवा में सुधार, आपके देश के बुनियादी ढांचे, पानी, सीवेज, और आपकी जरूरत की सभी चीज़ों के निर्माण में निवेश किया होता. कल्पना कीजिए.’

सुरक्षा बढ़ाने के लिए पश्चिम एशिया में कुछ हजार और सैनिक भेज रहा है अमेरिका

अमेरिका पश्चिम एशिया में सुरक्षा बढ़ाने और आवश्यकता पड़ने पर इजराइल की रक्षा के वास्ते तैयार रहने के लिए ‘कुछ हजार’ अतिरिक्त सैनिक भेज रहा है. पेंटागन प्रवक्ता सबरीना सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सैनिकों की मौजूदगी में बढ़ोतरी कई लड़ाकू जेट स्क्वाड्रन के जरिए होगी. यह घटनाक्रम लेबनान में हाल में हुए हमलों और हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद हुआ है. इससे पश्चिम एशिया में युद्ध के बड़े स्तर पर फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई है.

इस बार इस क्षेत्र में युद्ध इजराइल और हिजबुल्ला के बीच हो रहा है. इसमें एफ-15ई स्ट्राइक ईगल, एफ-16, ए-10 और एफ-22 लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन और उनके लिए आवश्यक कर्मी शामिल हैं. जेट विमानों को पहले से मौजूद स्क्वाड्रन की जगह लेनी थी. इसके बजाय मौजूदा और नए दोनों स्क्वाड्रन मौजूद रहेंगे ताकि हवाई शक्ति को दोगुना किया जा सके. सबरीना सिंह ने कहा कि जेट विमान वहां से निकासी में सहायता करने के लिए नहीं हैं, ‘वे अमेरिकी सेना की सुरक्षा के लिए हैं.’
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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