Ranikhet Express: भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए रानीखेत एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति और नैनी-दून एक्सप्रेस में एलएचबी कोच (HLB Coach) लगाने का फैसला किया है। एलएचबी कोच लगने से इन ट्रेनों की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़कर 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। एलएचबी कोच जर्मन तकनीक से बने होते हैं और ये अधिक सुरक्षित और आरामदायक होते हैं। एलएचबी कोच अधिकतर तेज गति वाली ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाता है। जिससे ट्रेन और भी स्पीड से पटरी पर दौड़ सकती है। इसके साथ ही ज्यादा स्पेस होने से यात्री आराम से सीट पर बैठ व लेट सकते हैं।
ये भी पढ़ें:-EPF Withdrawal: PF अकाउंट से पैसा निकालना हुआ आसान, यहां जानें स्टेप बाय स्टेप पूरा प्रॉसेस
रानीखेत एक्सप्रेस समेत 3 ट्रेनों में लगेंगे एलएचबी कोच
जानकारी के मुताबिक, काठगोदाम से दिल्ली व अन्य शहरों को जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति व नैनी-दून एक्सप्रेस सालों पुराने आइसीएफ कोच के साथ चल रही है। जबकि बाकी ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जा चुके हैं। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने तीनों ट्रेनों में एनएचबी कोच लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। एलएचबी कोच (लिंक हाफमैन बुश) भारतीय रेलवे में पहली बार साल 1999 में शामिल किए गए। ये कोच पैसेंजर्स के लिए काफी आरामदायक होता है। दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं और पैसेंजर्स के सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती है। राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनों में एलएचबी कोच ही लगाए जाते हैं। इन कोचों की अधिकतम गति 160 किलो मीटर प्रति घंटा होती है।
ये भी पढ़ें:- RBI की बैठक से पहले मौद्रिक नीति समिति में बदलाव, 3 नए सदस्य हुए नियुक्त
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, इज्जतनगर मंडल से प्राप्त रिकार्ड के अनुसार काठगोदाम रेलवे स्टेशन की सालाना आय 44 करोड़ रुपये पहुंच गई है। वहीं हल्द्वानी और लालकुआं की 16 करोड़, काशीपुर की 10 करोड़ तथा रुद्रपुर रेलवे स्टेशन की 15 करोड़ की सालाना आय हो गई है। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे आधुनिकरण की ओर निरंतर प्रगति कर रहा है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करने के प्रयास जारी हैं। काठगोदाम से चलने वाली तीन ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाने की तैयारी है।