China Taiwan Conflict: चीन-ताइवान के बीच लगातार संघर्ष बढ़ रहा है. हालांकि यह संघर्ष कोई नया नहीं है. लेकिन हाल ही में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है चीन किस प्लान के तहत ताइवान पर कब्जा चाहता है.
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नई दिल्ली: ताइवान को लेकर चीन लगातार चालाकी कर रहा है. उसका हरसंभव प्रयास है कि वह किसी भी तरह ताइवान पर अपना कब्जा जमा ले. यह लड़ाई कोई नई नहीं है. हाल ही में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. अमेरिकी सैन्य अधिकारियों और विश्लेषकों ने वर्षों से ताइवान पर चीन द्वारा संभावित सशस्त्र हमलों या आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है, लेकिन शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट ने संभावित गैर-सैन्य रणनीति के बारे में खतरे की घंटी बजा दी है. इसका इस्तेमाल स्व-शासित द्वीप के खिलाफ प्रभावी ढंग से किया जा सकता है.
वाशिंगटन स्थित शोध संस्थान फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज (FDD) ने रिपोर्ट में कहा कि चीन सैन्य शक्ति का प्रत्यक्ष उपयोग किए बिना ताइवान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के लिए आर्थिक और साइबर युद्ध छेड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की संभावित लेकिन अनदेखी की गई स्थिति ताइवान के सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका के लिए एक चुनौती है, और वाशिंगटन को सुझाव दिया कि वह इस बात की तैयारी करे कि इसका सबसे अच्छा जवाब कैसे दिया जाए.
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FDD शोधकर्ताओं ने इस साल की शुरुआत में ताइवान में बैंकिंग और वित्त विशेषज्ञों के साथ मिलकर दो दिनों तक काम किया, ताकि बीजिंग द्वारा संभावित गैर-सैन्य कदमों, जैसे कि गलत सूचना अभियान और बुनियादी ढांचे पर साइबर हमलों का अनुकरण किया जा सके. FDD ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला अभ्यास था और इसका उद्देश्य विश्लेषणात्मक कमी को पूरा करना था.
कैसे ताइवान पर चीन करेगा कब्जा
रिपोर्ट में कहा गया है, “आधुनिक वैश्वीकरण ने अधिक आर्थिक संबंध बनाए हैं, जिनका चीन बलपूर्वक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उपयोग कर सकता है. तकनीकी नवाचार ने और भी अधिक डिजिटल कनेक्शन बनाए हैं, जिससे बलपूर्वक कार्य करने की अधिक संभावनाएँ पैदा हुई हैं, जिसमें महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना भी शामिल है.”
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मालूम हो कि बीजिंग ने ताइवान पर कब्जा करने की कसम खाई है, अगर जरूरत पड़ी तो बलपूर्वक ही क्यों ना हो. हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा शांतिपूर्ण तरीके से करने के लिए “हरसंभव प्रयास” करने का वादा किया है. 1949 में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान मुख्य भूमि से अलग हो गया था, जब पराजित राष्ट्रवादी सरकार द्वीप पर भाग गई थी.