तेहरान: इजरायल पर हमास के 7 अक्टूबर के हमले के 1 साल पूरे होने जा रहे हैं। हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा को खंडहर बना दिया है। यही नहीं हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया को ईरान की राजधानी तेहरान में भीषण धमाके में उड़ा दिया गया। वहीं अब इजरायल लेबनान पर जोरदार हमले बोल रहा है। इस बीच अमेरिका के चर्चित थिंक टैंक अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधकर्ता माइकल रुबिन ने पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ खुलकर भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इजरायल की तरह से भारत भी आतंकी हमले से बुरी तरह से जूझ रहा है और उसे भी पाकिस्तान में आतंकियों को मारने का हक होना चाहिए।
ये भी पढ़ें– रेलवे कर्मचारियों को सरकार ने दिवाली का तोहफा! 78 दिन की एक्स्ट्रा सैलरी का ऐलान
माइकल रुबिन ने इजरायल के बाद अगर सबसे ज्यादा लगातार आतंकियों के हमले का सामना कर रहा है तो वह भारत है। इन दोनों ही देशों ही देशों में आतंकी हमले स्वाभाविक नहीं हैं। ईरान यहूदी देश इजरायल में हमले करने वाले आतंकियों को पालता है तो पाकिस्तान भी भारत में आतंकवाद फैलाने में ठीक यही भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत और इजरायल ने आतंकवाद को जीवन की वास्तविकता मान लिया है। पाकिस्तान स्थित आतंकी कश्मीर में घुसपैठ करते हैं और भारतीयों और विदेशियों की हत्या करते हैं।
भारत और इजरायल में एक जैसे हालात
रुबिन ने कहा कि लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने साल 2001 में भारतीय संसद पर हमला किया। इसी पाकिस्तानी आतंकी गुट ने 7 साल बाद मुंबई में हमलों को अंजाम दिया। इन आतंकियों ने कश्मीर को ऐसा इलाका बना दिया जहां भारतीय और विदेशी नहीं जा सकते हैं। इजरायल भी आतंक से जूझ रहा है। सैनिक हमेशा तैयार रहते हैं और बंदूक लेकर चलते हैं। छोटे बच्चों के स्कूलों में बम शेल्टर में जाने की ट्रेनिंग दी जाती है। हर तरफ सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि साल 2006 में इजरायल हिज्बुल्लाह युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया था और मांग की थी कि गैर सरकारी गुटों और मिलिशिया को हथियार विहिन किया जाए। इसके बाद भी न केवल हिज्बुल्लाह बना हुआ है बल्कि उसके पास हथियारों का बहुत बड़ा जखीरा जमा हो गया है। हिज्बुल्लाह को ईरान 1 लाख रॉकेट, मिसाइल और किलर ड्रोन मिले हैं। हमास का 7 अक्टूबर 2023 को हुआ हमला इजरायली आतंकवाद निरोधक अभियान के लिए बहुत बड़ा बदलाव है।
भारत पाकिस्तान में आतंकियों को क्यों नहीं मार सकता?
रुबिन ने कहा कि हिज्बुल्लाह के हमलों की वजह से हजारों की तादाद में इजरायली लोगों को अपने घर को छोड़कर दूसरी जगह पर शरण लेनी पड़ी है। इससे साफ सबक मिला है कि आतंकी गुट हथियार जमा कर रहे हैं ताकि उसका इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब भारतीय नीति निर्माताओं के सामने सवाल है कि अगर इजरायल हमास के चीफ हानिया को तेहरान में सेफ हाउस में मार सकता है तो भारत क्यों नहीं जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर के सरगना को आईएसआई के गेस्ट हाउस में इस्लामाबाद में मार सकता है।
ये भी पढ़ें– 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: बुरे फंसे एल्विश यादव, दिल्ली पुलिस ने कॉमेडियन भारती सिंह समेत आठ को भेजा समन
अमेरिकी विश्लेषक ने कहा कि अगर इजरायल हिज्बुल्लाह के सप्लाई चेन में घुस सकता है तो भारत पाकिस्तानी आतंकियों के साथ ऐसा क्यों नहीं कर सकता है। मुंबई में हमला करने वाले किसी भी आतंकी को जीने नहीं देना चाहिए या किसी भी आतंकी सरगना को खुद को सुरक्षित महसूस कर देना चाहिए। फिर चाहे वे पाकिस्तानी पंजाब में हों या फिर सिंध। आईएसआई के कमांडर दशकों से आतंकवाद को प्रायोजित करते रहे हैं और उन्हें कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए।