Digital Arrest in MP मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया गया। एक इंस्टीट्यूट में एटॉमिक एनर्जी विभाग के वैज्ञानिक इस फ्रॉड में फंस गए। डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 71 लाख लूट लिए गए। गिरोह के एक सदस्य ने राजा रमन्ना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (आरआरसीएटी) में वैज्ञानिक सहायक के रूप में काम करने वाले पीड़ित को ठग लिया।
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डिजिटल डेस्क, इंदौर। देश में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दरअसल, यह एक साइबर फ्रॉड कहलाता है, जिसमें अपराधी लोगों को फोन या कंप्यूटर पर डरा धमकाकर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स को ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार बनाया गया। एक इंस्टीट्यूट में एटॉमिक एनर्जी विभाग के वैज्ञानिक इस फ्रॉड में फंस गए। डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 71 लाख लूट लिए गए।
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आरोपी ने खुद को बताया था ट्राई का अधिकारी
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने जानकारी दी,”गिरोह के एक सदस्य ने राजा रमन्ना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (आरआरसीएटी) में वैज्ञानिक सहायक के रूप में काम करने वाले पीड़ित को 1 सितंबर को फोन किया और खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया। उसने कहा कि दिल्ली में एक फोन से महिला उत्पीड़न वाले टेक्स्ट मैसेज भेजे गए हैं और वह सिम आपके नाम पर रजिस्टर है।’
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वैज्ञानिक से लूटे 71 लाख रुपए
इसके अलावा पीड़ित से कहा गया कि उसके मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। एक अन्य आरोपी ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया है। आरोपी ने वीडियो कॉल के जरिए साइंटिस्ट और उसकी पत्नी से फर्जी पूछताछ की। इसके बाद वैज्ञानिक ने आरोपी के अलग-अलग अकाउंट में 71.33 लाख जमा भी करा दिए। पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपियों की तलाश जारी है।