Jharkhand News झारखंड हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ और पुलिस के 11 जवानों की हत्या के मामले में सजायाफ्ता चार अभियुक्तों को बरी कर दिया है। लोहरदगा में 2011 में हुई इस घटना में 60 लोग घायल भी हुए थे। निचली अदालत ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने और गवाहों के बयान को देखते हुए सभी को बरी करने का आदेश दिया।
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- सीआरपीएफ और पुलिस के 11 जवानों की हत्या में सजायाफ्ता चार अभियुक्त बरी
- झारखंड उच्च न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर किया बरी, लोहरदगा में 2011 में घटी थी घटना
- घटना में 60 लोग हुए थे घायल, निचली अदालत ने आरोपितों को सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने विस्फोट कर सीआरपीएफ और पुलिस के 11 जवानों की हत्या मामले में सजायाफ्ता चार अभियुक्तों को बरी कर दिया है।
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शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने इनके खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं होने और गवाहों के बयान को देखते हुए सभी को बरी करने का आदेश दिया। निचली अदालत ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। खंडपीठ ने जिन्हें बरी किया है, उनमें सुधवा असुर, सुना खेरवार, पूरन गंझू एवं अक्षय खेरवार शामिल हैं। लोहरदगा के सेन्हा थाना के धरधरिया में वर्ष 2011 विस्फोट कर सीआरपीएफ और पुलिस के 11 जवानों की हत्या कर दी गई थी।
इस घटना में 60 लोग घायल हुए थे। पुलिस ने सेन्हा थाना में प्राथमिकी कराई थी। निचली अदालत ने सभी को दोषी पाते हुए 12 अप्रैल 2016 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सभी ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। अपील पर सुनवाई पूरी करने के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए सभी को बरी कर दिया।