देवास जिले में जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने बड़ा फैसला सुनाया। बरोठा क्षेत्र में स्थित वेयर हाउस से 80 किसानों की उपज गायब होने के मामले में संचालक को दोषी पाते हुए उसे चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई 6.21 करोड़ रुपये का अर्थदंड भी लगाया।गोपी वेयर हाउस के संचालक महेंद्र चौधरी ने 80 से अधिक किसानों की सोयाबीन चना आदि उपज रखी थी।
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जागरण न्यूज नेटवर्क, देवास: मध्य प्रदेश के देवास जिले में जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने शनिवार को बड़ा फैसला सुनाया। बरोठा क्षेत्र में स्थित वेयर हाउस से 80 किसानों की उपज गायब होने के मामले में संचालक को दोषी पाते हुए उसे चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, 6.21 करोड़ रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
न्यायालय ने कहा कि दंड की राशि जमा नहीं करने पर संचालक को 80 बार छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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फरवरी 2011 से फरवरी 2013 के बीच का है मामला
मूल सजा के चार वर्ष अलग रहेंगे।अपर जिला लोक अभियोजक अशोक चावला ने बताया कि मामला फरवरी 2011 से फरवरी 2013 के बीच का है। गोपी वेयर हाउस के संचालक महेंद्र चौधरी ने 80 से अधिक किसानों की सोयाबीन, चना आदि उपज रखी थी।
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उसने किसानों को वेयर हाउस की रसीद पर लोन और बीमा मिलने का आश्वासन दिया और ऋण पुस्तिका व अन्य दस्तावेज लिए थे। किसानों से उसने इलाहाबाद बैंक में खाते खुलवाने के लिए कहा। लोन स्वीकृत कराकर दस्तावेजों पर किसानों के हस्ताक्षर लिए और लोन की राशि स्वयं निकाल ली। जब किसानों के पास लोन वसूली के नोटिस पहुंचे तो वे वेयर हाउस गए, लेकिन वहां उपज नहीं मिली। मामले में वर्ष 2013 में बरोठा थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया था।
न्यायालय ने लगाया अर्थदंड
अशोक चावला के अनुसार न्यायालय से अपनी तरह का पहला फैसला है। पहले फैसला टल गया था। इसके बाद आवेदन लगाकर अनुरोध किया गया था कि धोखाधड़ी 80 किसानों के साथ हुई है, इसलिए आरोप भी सभी की ओर से तय किए जाएं। इस पर न्यायालय ने किसानों की ओर से आरोप तय कर सभी की राशि जोड़ी और अर्थदंड लगाया।