नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को ईएसआईसी की सुविधा मिलती है। यह एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है जिसमें कम आय वाले कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को मेडिकल केयर दी जाती है। इस योजना के तहत ईएसआई डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज की सुविधा है। लेकिन कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से देश में ईएसआई के हॉस्पिटल नहीं हैं। सरकार ने अब ESIC के लाभार्थियों को पूरे देश में आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधा देने का फैसला किया है।
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श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को बताया कि ESIC लाभार्थियों को पूरे देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल वाले अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने का फैसला किया गया है। ESIC के इंश्योर्ड लोगों के आयुष्मान योजना के अस्पतालों में इलाज के लिए खर्च की कोई सीमा नहीं होगी। मांडविया ने बताया कि एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के तहत 10 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे। ये कॉलेज दिल्ली के बसई दारापुर, मुंबई में अंधेरी, यूपी में नोएडा और वाराणसी के अलावा रांची, गुवाहाटी, इंदौर, जयपुर, लुधियाना और गुजरात के नरोदा-बापूनगर में खोले जाएंगे।
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बेरोजगारी भत्ता
इसके अलावा अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना की अवधि बढ़ाकर 30 जून 2026 तक करने का फैसला भी किया गया। यह योजना जुलाई 2018 में दो साल के लिए पायलट बेसिस पर शुरू की गई थी। इसका मकसद बीमित व्यक्ति के बेरोजगार होने की सूरत में उसे अनएम्प्लॉयमेंट अलाउंस के रूप में सपोर्ट देने के लिए शुरू की गई थी। बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर 30 जून 2024 तक कर दिया गया था।
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रिक्रूटिंग एजेंसियों की निगरानी बढ़ाने पर चर्चा
रोजगार के आंकड़ों के बारे में मंगलवार को श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। विदेश मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों के साथ इस बैठक में विदेश में रोजगार और देश में जॉब के मौकों के लिए तालमेल बेहतर करने और आंकड़ों में एकरूपता लाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें रिक्रूटिंग एजेंसियों की निगरानी बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। मांडविया ने नैशनल करियर सर्विस, MY Bharat Platform, eMigrate, eShram पोर्टल और स्टेट पोर्टल्स के इंटीग्रेशन पर जोर दिया, जिससे एंप्लॉयमेंट के सप्लाई और डिमांड साइड की सटीक जानकारी मिल सके।