राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। Delhi Police Special Cell: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गुजरात से गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट (International Drugs Syndicate) से जुड़े पांच सदस्यों से पूछताछ में पता चला है कि अंकलेश्वर से बरामद 518 किलो कोकेन की बड़ी खेप भी तुषार गोयल के पास दिल्ली आनी थी। इसकी आपूर्ति दिल्ली-एनसीआर के कुछ छोटे तस्करों के अलावा दिल्ली में होने वाले कन्सर्ट व अन्य राज्यों में की जानी थी।
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अवकार ड्रग्स लिमिटेड (Avkar Drugs Ltd) के बारे में सेल को पता चला है कि कंपनी के मालिक कई सालों से कोकेन तस्करी के धंधे में लिप्त थे। देश में पकड़ी गई ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है, जिसमें दिल्ली के मास्टरमाइंड के तौर पर एक पूर्व कांग्रेसी नेता के शामिल होने के मामले ने लोगों को हैरान कर दिया है।
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मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को इस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट को पकड़ने में शामिल स्पेशल सेल के अधिकारियों व कर्मियों को शाबाशी देने दिल्ली पुलिस मुख्यालय आ सकते हैं।
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गिरफ्तार आरोपियों के नाम
डीसीपी स्पेशल सेल अमित कौशिक के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम विजय भेसनिया (गार्डन सिटी, अंकलेश्वर, भरूच, गुजरात), मयूर देसले (गोविंद निकेतन, जलधारा, भरूच, अंकलेश्वर, गुजरात), अश्वनी रमानी (खुश हाइट, जीआइडीसी, भरूच, गुजरात), ब्रिजेश कोठिया (खुश हाइट, जीआइडीसी, भरूच, गुजरात) व अमित मसुरिया (वडोदरा, गुजरात) है। इनमें अश्वनी रमानी, विजय भेसनिया व ब्रिजेश कोठिया तीनों अवकार ड्रग्स लिमिटेड के डायरेक्टर हैं।
बाकी आरोपियों को मिला काम
अमित मसुरिया कंपनी के मालिकों व ड्रग्स तस्करों के बीच बिचौलिये की भूमिका निभाता था। मयूर देसले कंपनी के प्रोडक्शन का काम देखने की आड़ में ड्रग्स तस्करी का धंधा करता था।
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मास्टरमाइंड और सरगना को नहीं जानते आरोपी
जांच से पता चला है कि गुजरात के अंकलेश्वर से गिरफ्तार किए गए उक्त पांचों सदस्यों की न तो दुबई में छिपे सरगना वीरेंद्र बसोया व न ही बसोया के करीबी दिल्ली के मास्टरमाइंड व पूर्व कांग्रेसी नेता तुषार गोयल से सीधी बातचीत थी। पांचों सदस्य बसोया व गोयल में किसी को नहीं जानते हैं।
एक लंबी कड़ी का पता लगा रहीं एजेंसियां
इनके बीच में तस्करों की लंबी कड़ी है जिसके बारे में स्पेशल सेल, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय एजेंसी व प्रवर्तन निदेशालय पता लगाने में जुटी है ताकि उन्हें भी दबोचा जा सके। एक के बाद तस्करों के चेन में शामिल सदस्यों के पकड़े जाने से सिंडिकेट का दायरा बढ़ता ही जा रहा है।
12 गिरफ्तार, 13 हजार करोड़ की ड्रग्स बरामद
14 दिनों के दौरान इस सिंडिकेट के 12 सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं और उनकी निशानदेही पर 13,000 करोड़ से अधिक की कोकेन व तीन करोड़ रुपये मूल्य का 40 किलो थाईलैंड का गांजा बरामद हो चुका है।
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सेल की 10 टीमें कई राज्यों में छापामारी कर रहीं
स्पेशल सेल के एक अधिकारी का कहना है कि सेल की 10 टीमें दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई, पंजाब, हरियाणा आदि कई राज्यों में छापामारी कर ही रही हैं। ऑपरेशन अभी लंबा चलने की संभावना है ,जिससे सिंडिकेट के कई और बड़े तस्कर पकड़े जा सकते हैं और उनकी निशानदेही पर कोकेन की और बड़ी-बड़ी खेप बरामद हो सकती है।
कोलंबिया से भेजी कोकेन पहले ही हो गई सप्लाई
सूत्रों की मानें तो बसोया द्वारा कोलंबिया से भारत भेजी गई कोकेन की कुछ खेप के बारे में जांच एजेंसियों को पहले पता नहीं लग पाया, जिससे उक्त कोकेन छोटे-छोटे तस्करों को बेच भी दी गई। बीते जुलाई में भी 150 किलो कोकेन की एक बड़ी खेप बसोया ने तुषार के पास भिजवाई थी।
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कई देशों में सिंडिकेट फैला
इसके बारे में दिल्ली पुलिस को पता नहीं लग सका। सिंडिकेट के तार संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंग्लैंड, दुबई से लेकर दक्षिण अमेरिकी देशों तक फैले होने के साक्ष्य मिल रहे हैं। भारत के कई राज्यों में भी यह सिंडिकेट अपना नेटवर्क फैलाता जा रहा था।