इनकम टैक्स विभाग ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2024 को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) जारी किए हैं, जिसमें जरूरी सवालों के जवाब दिए गए हैं.
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नई दिल्ली. टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए आयकर विभाग ने डायरेक्ट टैक्स से संबंधित ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2024 के बारे में गाइडेंस जारी किया. अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) के रूप में जारी इस पत्र में विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र संस्था और भुगतान किए जाने वाले करों से संबंधित विभिन्न सवालों के जवाब दिए गए हैं. आयकर विभाग ने कहा कि उसे इस योजना के एक अक्टूबर, 2024 को प्रभावी रूप से अधिसूचित होने के बाद विभिन्न प्रावधानों के संबंध में मार्गदर्शन मांगने वाले हितधारकों से कई सवाल मिले हैं. योजना की समाप्ति तिथि अभी अधिसूचित नहीं की गई है.
‘विवाद से विश्वास’ योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं, जिनके विवाद/अपील 22 जुलाई, 2024 तक उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त/ संयुक्त आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं. इनमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएं (अपील) शामिल हैं, चाहे वे करदाता या कर अधिकारियों द्वारा दायर की गई हों.
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कितना करना होगा टैक्स डिमांड का भुगतान
योजना में विवाद समाधान पैनल (डीआरपी) के समक्ष लंबित मामले और आयकर आयुक्त के समक्ष लंबित पुनरीक्षण याचिकाएं भी शामिल होंगी. यदि करदाता योजना का लाभ उठाने के लिए 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करते हैं, तो उन्हें विवादित कर मांग का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा. ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा.
हालांकि ऐसे मामलों में जहां घोषणा एक जनवरी, 2025 को या उसके बाद की जाती है, विवादित कर मांग का 110 प्रतिशत करदाता को चुकाना होगा. बता दें कि आम बजट 2024 में सरकार ने विवाद से विश्वास योजना-2 को शुरू करने का ऐलान किया था.
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बजट घोषणा के अनुसार, एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के बाद 3 साल से पांच साल तक की अवधि वाले आयकर मामलों को फिर खोला जा सकेगा. बशर्ते कि मामला 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा का हो. तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले 6 साल की समयसीमा का प्रस्ताव किया गया है, जबकि वर्तमान में यह अवधि 10 साल है.